राजस्थान

खरीफ फसलों में फड़का कीट लगने की संभावना - कृषि मंत्री ने अधिकारियों को दिए सतर्क रहने के निर्देश

Tara Tandi
12 July 2023 11:45 AM GMT
खरीफ फसलों में फड़का कीट लगने की संभावना - कृषि मंत्री ने अधिकारियों को दिए सतर्क रहने के निर्देश
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मानसून के साथ शुरू हुई बरसात में बोई गई खरीफ की फसलों में फड़का कीट की व्याधि फैलने की संभावनाओं को देखते हुए कृषि मंत्री श्री लालचन्द कटारिया ने समय रहते इसे नियंत्रित करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कृषि विभाग के अधिकारियों तथा कर्मचारियों को व्याधि के प्रकोप से बचाव के लिए सतर्क रहकर पहले से ही तैयारियां करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा इस कीट के प्रभावी नियंत्रण के लिए नियमित सर्वेक्षण कर आवश्यकतानुसार कार्रवाई की जाए।
श्री कटारिया ने कहा कि कृषक भी अपने खेत में फड़का नियंत्रण के लिए तैयारी रखें। उन्होंने बताया कि किसान अपने क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षक अथवा सहायक कृषि अधिकारी से संपर्क कर पौध संरक्षण रसायन पर अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। कृषकों को पौध संरक्षण रसायन के उपयोग लेने पर उसकी लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 500 रुपये प्रति हैक्टर (जो भी कम हो) अधिकतम 2 हैक्टर क्षेत्र के लिए अनुदान डीबीटी के माध्यम से देय है।
कृषि मंत्री ने बताया कि खरीफ की फसलों में मुख्यतः बाजरा एवं ज्वार में फड़का कीट के प्रकोप की संभावनाएं अधिक होती हैं। उन्होंने कहा कि फसलों के लिए यह अत्यन्त हानिकारक कीट है, जिससे फसलों को काफी नुकसान हो सकता है। यदि प्रारम्भ में ही सतर्क रहकर कीट नियंत्रण के उपाय कर लिये जाये तो खरीफ फसलों को होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है।
श्री कटारिया ने बताया कि कीट का प्रकोप मानसून की वर्षा के 15-20 दिन बाद शुरू होता है। इसके निम्फ प्रौढ़ फसलों की पत्तियों और फूलों को खाकर सम्पूर्ण फसल को नष्ट करने की क्षमता रखते हैं। इसलिये इस कीट का शिशु अवस्था में ही नियंत्रण करना कारगर साबित होता है। उवर्तमान में यह कीट शिशु अवस्था में जयपुर, सीकर व झुंझुनूं जिलों में पहाड़ी क्षेत्रों के आसपास के खेतों एवं खेतों की मेड़ों पर देखा गया है।
फडका कीट पर नियंत्रण
विभाग द्वारा फड़का कीट नियंत्रण के लिए कृषकों को कहा जा रहा है कि वे फड़का कीट को प्रकाश की ओर आकर्षित करने के लिए खेत की मेड़ों पर एवं खेतों में गैस लालटेन या बिजली का बल्ब जलायें तथा इसके नीचे पानी में मिट्टी के तेल का 5 प्रतिशत मिश्रण परात में रखें ताकि रोशनी पर आकर्षित कीट मिट्टी के तेल मिले पानी में गिरकर नष्ट हो जायें।
कृषकों को यह भी सलाह दी जाती है कि कीट का प्रकोप अधिक होने पर कीट की रोकथाम के लिए मैलाथियॉन 5 प्रतिशत चूर्ण या क्यूनालफॉस 1.5 प्रतिशत चूर्ण का 25 किग्रा प्रति हैक्टर की दर से भुरकाव करें या क्यूनालफॉस 25 प्रतिशत ईसी 1 लीटर प्रति हैक्टेयर की दर से छिड़काव कर नियंत्रण किया जा सकता है। आवश्यकता होने पर 5-7 दिन पश्चात् दोबारा भुरकाव किया जा सकता है।
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