कोटा में सिर्फ 36 हजार एमएसएमई उद्योग है जो कि काफी कम है: नारायण राणे
कोटा: शहर के दशहरा मैदान में शनिवार को तीन दिवसीय एमएसएमई प्रदर्शनी और मेले की शुरूआत हुई। लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला की पहल पर केंद्रीय एमएसएमई मंत्रालय द्वारा एसएसआई एसोसिएशन के सहयोग से शुरू हुए इस मेले में 4 से 6 मार्च तक देश के मध्यम, लघु और सूक्ष्म उद्योगों की शक्ति की झलक देखने को मिलेगी। मेले का उद्घाटन एमएसएमआई मंत्री नारायण राणे व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा किया गया। मीडिया से बातचीत के दौरान मंत्री नारायण राणे संजय राउत के सवाल पर बोले उनको नहीं जानता। इस दौरान उन्होंने महाराष्ट्र के शिवसेना विवाद और संजय राउत को लेकर कहा कि वह उनको नहीं जानते। अगर राजस्थान के बारे में कोई बात करनी है तो करिए। उनके पास कोई काम नहीं है लेकिन हमारे पास देश के विकास का काम है। इस दौरान उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एमएसएमई मेले को आयोजित करवाने के पीछे का मकसद लोगों को इस सेक्टर में हो रहे इनोवेशन, इस सेक्टर के बिजनेस की जानकारी देना था। कोटा में माइक्रो स्मॉल इंडस्ट्रीज लगे। यहां के लोगों का विकास हो समृद्धि आए और उत्पादन बढ़े। इसलिए ही यह प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि कोटा में सिर्फ 36 हजार एमएसएमई उद्योग है जो कि काफी कम है।इनकी संख्या बढ़ानी चाहिए ताकि कोटा भी समृद्ध हो सके और जिस तरह पहले औद्योगिक नगरी के नाम से कोटा जाना जाता था उसी तरह से फिर से कोटा को औद्योगिक नगरी के नाम से जाना जाए।
कोटा के दशहरा मैदान में तीन दिवसीय एमएसएमई मेले का आयोजन करवाया जा रहा है जिसमें 400 से ज्यादा बिजनेस पहुंचे हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और मंत्री नारायण राणे ने शनिवार दोपहर मेले का उद्घाटन किया। इसके बाद ओपन सेशन का कार्यक्रम हुआ। कार्यक्रम में बूंदी विधायक अशोक डोंगरा व विधायक संदीप शर्मा सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद थे।
हाडोती को फिर से उद्योग नगरी बनाने के होंगे प्रयास: एमएसएमई मंत्री नारायण राणे ने कहा की हाडोती क्षेत्र में बिजली, पानी और उद्योग लगाने के लिए जो आवश्यक चीजों की जरूरत होती हैं वह सभी उपलब्ध हैं उसके बावजूद यहां इंडस्ट्रीज बहुत कम है यह चिंता का विषय है। बीस लाख की आबादी वाले कोटा में मात्र 36 हजार एमएसएमई उद्योग हैं। इसको बढ़ाकर 60,000 तक करना होगा । इसिलिए एमएसएमई प्रदर्शनी व मेले का आयोजन किया गया है । लोकसभा अध्यक्ष का प्रयास है कि राजस्थान व कोटा देश के अन्य प्रदेशों के मुकाबले उद्योगों में भी अग्रणी रहे इसके लिए इस प्रकार के मेलों के आयोजन किया हैं।