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रानी पद्मिनी से जुड़े तथ्यों
राजस्थान में 3 साल पहले आई फिल्म 'पद्मावत' लेकर हुए विवाद के बाद एक बार फिर चितौड़गढ़ की रानी पद्मिनी विवादों में आ गई है. इस बार विवादों के केंद्र में है चित्तौड़गढ़ में रानी पद्मिनी से जुड़े एक कार्यक्रम में दिखाए गए कुछ विवादित तथ्य. दरअसल राज्य सरकार की ओर से 5 करोड़ रुपये की लागत से चित्तौड़गढ़ में 3D तकनीक की मदद से एक लाइट एंड साउंड शो शुरू किया गया है जो लोकार्पण होने के कुछ देर बाद ही विवादों में घिर गया.
गौरतलब है कि बीते सोमवार शाम ही केन्द्रीय मंत्री अर्जुनलाल मेघवाल और सीएम अशोक गहलोत ने इस शो का वर्चुअल लोकार्पण किया था. अब तक मिली जानकारी के मुताबिक लोकार्पण के तुरंत बाद ही चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी ने इसे आपत्तिजनक करार देते हुए रूकवा दिया.
वहीं शो को लेकर राजपूत समाज की ओर से भी विरोधी प्रतिक्रिया आने लगी. हालांकि राजस्थान के सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना ने किसी भी तरह का विवाद होने से इनकार किया है. अब इस मसले पर मंगलवार को राजपूत समाज की भूपाल नोबल छात्रावास में एक बैठक रखी गई है.
5 करोड़ की लागत से तैयार किया गया शो
बता दें कि ऐतिहासिक चित्तौड़गढ़ दुर्ग पर सालभर पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है, इसी को देखते हुए सरकार के पर्यटन विभाग की ओर से कुंभा महल में एक लाइट एंड साउंड शो तैयार किया गया जिसे 3डी तकनीक से भी जोड़ा गया. सरकार को इसकी लागत 5 करोड़ रुपए आई. शो के लोकार्पण होने के बाद कार्यक्रम में मौजूद सांसद चंद्रप्रकाश जोशी ने रानी पद्मिनी को लेकर दिखाए गए संदर्भों पर आपत्ति जाहिर की और 45 मिनट के शो को 16वें मिनट पर ही रूकवा दिया गया.
पहले भी विवादों में रही रानी पद्मिनी
बता दें कि एतिहासिक तौर पर रानी पद्मिनी को अलाउद्दीन खिलजी ने शीशे में देखा था सारा विवाद इसी बात पर है. ऐसे में लाइट एंड साउंड शो में इस दृश्य को फिर से दिखाया गया जिस पर विवाद फिर उठ खड़ा हुआ. इससे पहले संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत को लेकर भी तथ्यों के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप लगने के बाद काफी विवाद हुआ था.
फिर विरोध के मूड में राजपूत समाज
गौरतलब है कि लाइट एंड साउंड शो को सांसद जोशी के रूकवाने के बाद फिलहाल इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है, हालांकि दूसरी तरफ राजपूत समाज इस मुद्दे पर एक बार फिर कड़ा विरोध दर्ज करवाने के मूड में दिखाई दे रहा है.
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