राजस्थान

सरकारी स्कूलों में गणवेश मिलने की राह हुई आसान, डीएस ग्रुप 60 रुपए में यूनिफॉर्म सिलकर देगा

Admin Delhi 1
22 Dec 2022 1:59 PM GMT
सरकारी स्कूलों में गणवेश मिलने की राह हुई आसान, डीएस ग्रुप 60 रुपए में यूनिफॉर्म सिलकर देगा
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कोटा: मुख्यमंत्री निशुल्क यूनिफार्म योजना के तहत कक्षा 1 से 8वीं तक के विद्यार्थियो को दो सेट कपड़ा (फेब्रिक) एवं 200 रुपए सिलाई के दिए जा रहे हैं। लेकिन, महगांई के दौर में 200 रुपए में बच्चों को सिलाई की व्यवस्था कर पाना दूर की कौड़ी साबित हो रहा है। दैनिक नवज्योति में 14 अक्टूबर को खबर प्रकाशित होने के बाद दिव्या शर्मा (डीएस ग्रुप) ने विद्यार्थियों व अभिभावकों की परेशानियों को देख मदद को आगे आई है। अब यह ग्रुप 60 रुपए में एक ड्रैस सिलकर दे रही है। जबकि, बाजार में इसकी कीमत 350 रुपए है। दिव्या ने बताया कि गणवेश का विद्यालय में अपना महत्व होता है। ऐसे में हर विद्यार्थी अपनी गणवेश में हो इसके लिए डीएस ग्रुप आगे आया है। विद्यार्थिओं को न्यूनतम शुल्क पर स्कूल यूनिफार्म सिलाई करवाकर दी जाएगी। उन्होंने बताया कि जवाहर नेहरू राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय भीमगंजमंडी से 25 तथा राजकीय विद्यालय किशनपुरा तकीया से 28 विद्यार्थियों की गणवेश सिलवाने का वर्क मिला है। जिसके तहत ड्रेस सिलने का काम शुरू कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि अर्द्धवार्षिक परीक्षा के बाद अन्य विद्यार्थिओं को भी गणवेश बनाकर दी जाएगी।

महिलाओं को मिला सम्बल: उन्होंने बताया कि इस पहल से विद्यार्थी न्यूनतम दर पर अपनी गणवेश प्राप्त कर सकेंगे। साथ ही महिलाओं को रोजगार मिल सकेगा। प्रति गणवेश 60 रुपए का भुगतान प्राप्त कर सिलाई कार्यो में लगी महिलाओं को दिए जाएंगे। आश्रित एवं सिलाई केन्द्रों पर निर्धन,विधवा एवं अल्प आय वर्ग की महिलाओं को यह कार्य सौंपा गया है जो उनके आर्थिक आधार के सम्बल का आधार भी बनेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रयास से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने में भी मदद मिलेगी।

स्कूल प्रशासन ने सराहा: निजी स्कूल वेलफेयर सोसायटी के महामंत्री संजय शर्मा एवं रेलवे कर्मचारी यूनियन के महामंत्री मुकेश गालव ने डीएस ग्रुप के प्रयास की सराहना करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री पोशाक योजना का लाभ डीएस ग्रुप के सहयोग से विद्यार्थियों को मिलने लगा। योजना के अतंर्गत सरकार से मिले 200 रुपए से गणवेश बन पाना वर्तमान में संभव नहीं है। राजकीय जवाहर लाल नेहरू स्कूल के प्राचार्य के आग्रह पर ग्रुप ने आगे बढ़ते हुए विद्यार्थियों को गणवेश उपलब्ध करवाने का निर्णय लिया ।

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