मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोनिया गांधी से पूछताछ के मामले में केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए सुप्रीम कोर्ट से जल्द फैसला करने की अपील की है। साथ ही गहलोत ने महंगाई और बेरोजगारी को मुख्य मुद्दा बताया है। गहलोत ने कहा- ईडी का जो तमाशा हो रहा है ऐसा सुना नहीं होगा। सोनिया गांधी को ईडी ने तीसरी बार बुलाया है, आगे पता नहीं कब तक बुलाएंगे। देश में आज ईडी का आंतक है।
देश में ईडी ने जो आतंक मचा रखा है। उस पर सुप्रीम कोर्ट को आगे आकर जल्द फैसला करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट में ईडी को लेकर सैकड़ों एसएलपी लगी हुई हैं। अभी जो आतंक की स्थिति बना रखी है, वह देश हित में नहीं है। ईडी के मुकदमों में आधा फीसदी में भी सजा नहीं हो पाई तो आप समझ सकते हैं। इनके मुकदमों की हालत क्या है। गहलोत कांग्रेस मुख्यालय दिल्ली में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।
गहलोत ने कहा- ईडी सीआरपीसी के प्रोसिजर को नहीं अपनाती। ईडी का पूछताछ करने का, अरेस्ट करने का और छापे डालने का अपना ही तरीका है। जहां इनकम टैक्स की इच्छा होती है। वहां पहुंच जाती है। वहां ईडी भी घुस जाता है। ईडी को सीबीआई से ज्यादा पावर मिली हुई है। सुप्रीम कोर्ट आगे आकर जल्द फैसला करें।
ईडी से सरकार गिरा सकते हैं मंत्रिमंडल नहीं बना सकते
गहलोत ने कहा- ईडी का उपयोग सरकारें गिराने में किया जा रहा है। महाराष्ट्र में आपने देखा। ईडी से सरकारें तो गिरा सकते हैं, लेकिन मंत्रिमंडल नहीं बना सकते। मंत्रिमंडल ईडी की मदद से नहीं बन सकते, महाराष्ट्र में 28 दिन से मंत्रिमंडल नहीं बना है, केवल सीएम और डिप्टी सीएम ही राज चला रहे हैं। लोकतंत्र किस दिशा में जा रहा है।
महंगाई-बेरोजगारी हमारा मुख्य मुद्दा
गहलोत ने कहा- कल दिन भर एजेंडा चलाया गया कि कांग्रेस सोनिया गांधी के ईडी में बयान लेने पर हल्ला कर रही है। जबकि महंगाई-बेरोजगारी पर मौन है। किसने कहा कि महंगाई-बेरोजगारी का मुद्दा नहीं उठा रहे? जयपुर में महंगाई के खिलाफ हमने राष्ट्रीय सम्मेलन किया। उस वक्त से ही महंगाई बेरोजगारी हमारा मुख्य मुद्दा है।
आज पूरा देश घबराया हुआ, संसद में महंगाई-बेराजेगारी पर बहस नहीं होने दे रहे
गहलोत ने कहा-आज देश की आर्थिक स्थिति गर्त में जा रही है। नौजवान और आम नागरिक बेरोजगार और महंगाई से चिंतित हैं। इन मुद्दों पर संसद में बहस नहीं करने दी जाती। 19 सांसदों को सस्पेंड कर दिया। जहां तक मुझे ज्ञान है कांग्रेस राज में कभी किसी सांसद को को सस्पेंड नहीं किया जाता था। 12-12 दिन तक ससंद नहीं चली तभी किसी को सस्पेंड करने की बात नहीं होती थी। आज इन्होंने मजाक बना रखा है। आज पूरा देश घबराया हुआ है। इन्हें यह घमंड है कि इन बातों को देश सपोर्ट कर रहा है। चुनाव में किए वादे इन्होंने भुला दिए। 2014 में लोकसभा चुनाव में लोकपाल बिल, ब्लैक मनी लाने के वादे किए थे। काले धन पर एसआईटी बनाई थी, वह तो गायब ही हो गई।