राजस्थान

अस्पतालों में मरीजों को हुई असुविधा की घटनाओं पर राज्य सरकार गंभीर

Tara Tandi
17 April 2024 9:18 AM GMT
अस्पतालों में मरीजों को हुई असुविधा की घटनाओं पर राज्य सरकार गंभीर
x
जयपुर । राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेजों से सम्बद्ध चिकित्सालयों में स्टैण्डर्ड प्रोटोकॉल का पालन नहीं होने के कारण विगत दिनों मरीजों को हुई असुविधा के प्रकरणों को गंभीरता से लेते हुए समस्त मेडिकल कॉलेजों के प्रधानाचार्यों एवं अस्पताल अधीक्षकों को चिकित्सा सुविधाओं के सुचारू संचालन के लिए दिशा-निर्देश दिए हैं। साथ ही, हिदायत दी है कि लापरवाही के कारण भविष्य में कोई घटना सामने आती है तो इसकी जिम्मेदारी संबंधित अधीक्षक की होगी तथा दोषी लोकसेवक के विरूद्ध सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
चिकित्सा शिक्षा विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव श्रीमती शुभ्रा सिंह ने बताया कि विगत दिनों एसएमएस अस्पताल में मरीज को गलत गु्रप का ब्लड चढ़ाने, कांवटिया अस्पताल के परिसर में महिला का प्रसव होने जैसी दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया है। भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके लिए समस्त मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्यों एवं अधीक्षकों को चिकित्सा शिक्षा विभाग ने पत्र लिखकर दिशा-निर्देश दिए हैं।
ड्यूरी रोस्टर में पारदर्शिता का रखना होगा ध्यान, अधीक्षक करेंगे मॉनिटरिंग
पत्र में कहा गया है कि चिकित्सालयों में ड्यूटी रोस्टर में पारदर्शिता का पूरा ध्यान रखा जाए। सभी चिकित्सक रोस्टर के अनुसार ऑन फ्लोर एवं ऑन कॉल ड्यूटी पर उपस्थित रहें। रेजीडेन्ट चिकित्सकों के कार्याें एवं दायित्वों के सुपरविजन के लिए इमरजेंसी, लेबर रूम, आई.सी.यू. जैसे संवेदनशील स्थानों पर फैकल्टी की ड्यूटी आवश्यक रूप से लगाई जाए। चिकित्सक ड्यूटी रोस्टर के अनुसार सेवाएं दें, इसकी मॉनिटरिंग अस्पताल अधीक्षक के स्तर से की जाएगी। रोस्टर की अवहेलना की स्थिति में प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक नियमानुसार कार्रवाई करेंगे।
स्टोर का नियमित निरीक्षण और उपकरणों के नियमित मेंटीनेंस के निर्देश
पत्र में अस्पतालों के स्टोर का नियमित भौतिक निरीक्षण करने, सभी उपकरणों एवं रिएजेन्ट्स की समुचित आपूर्ति के साथ ही उपकरणों एवं जांच मशीनों का नियमित मेंटीनेंस सुनिश्चित करने, ऑक्सीजन प्लांट की क्रियाशीलता की नियमित जांच करने एवं वार्ड, आईसीयू, इमरजेंसी आदि में ऑक्सीजन की सुचारू आपूर्ति के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि अस्पताल में पानी एवं बिजली की समुचित आपूर्ति हो। जनरेटर एवं पॉवर बैकअप की व्यवस्था आवश्यक रूप से हो, ताकि बिजली कटौती की स्थिति में जांच-उपचार आदि आवश्यक सेवाएं प्रभावित नहीं हो। कूलर, एसी एवं पंखे क्रियाशील हों और उनका समुचित मेंटीनेंस हो।
रेजीडेंट्स से रखना होगा परस्पर संवाद, संवेदनशील स्थानों का औचक निरीक्षण
दिशा-निर्देशों के अनुसार अस्पतालों में बेहतर व्यवस्थाओं और समन्वय की दृष्टि से प्रधानाचार्य एवं नियंत्रक को कॉलेज में कार्यरत चिकित्सकों एवं जूनियर रेजीडेन्ट्स से परस्पर संवाद बनाए रखना होगा। व्यवस्थाओं में सुधार हेतु माह में एक बार अनिवार्य रूप से उनके साथ बैठक आयोजित की जाएगी। सभी प्रधानाचार्य, अधीक्षक एवं विभागाध्यक्ष वार्ड, आईसीयू, इमरजेंसी, ट्रोमा सेंटर सहित अस्पताल के संवेदनशील स्थानों का रात्रि में औचक निरीक्षण कर उचित व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे। कोई भी गंभीर प्रकरण होने पर तत्काल प्रभाव से राज्य सरकर के ध्यान में लाए जाने के निर्देश भी पत्र में दिए गए हैं। इन सभी निर्देशों की पालना रिपोर्ट हर माह की 10 तारीख तक अनिवार्य रूप से चिकित्सा शिक्षा विभाग को भेजनी होगी।
Next Story