राजस्थान

गड्ढों का बोझ सहकर बेहाल हुई सड़क अब सडांध भी मारने लगी

Shantanu Roy
2 Aug 2022 12:24 PM GMT
गड्ढों का बोझ सहकर बेहाल हुई सड़क अब सडांध भी मारने लगी
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बड़ी खबर

जोधपुर। प्रभारी मंत्री डा. सुभाष गर्ग ने महापौर, विधायक और जिला कलक्टर के साथ तमाम अधिकारियों के साथ घुम कर भले ही शहर का जायजा लेकर यह तसल्ली कर दी हो कि उनके आने से जोधपुर में अब सब कुछ सही हो जायेगा। तो यह उनका भ्रम ही होगा। आईटीआई कॉलेज से मिल्कमैन कॉलोनी चौराहा बमुश्किल पांच सौ मीटर ही है। इस सड़क पर बत्तीस गड्ढे हैं। यही नहीं गड्ढों में तो जैसे तैसे गिर गिराकर भी पार पा लेंगे लेकिन कॉलेज से कुछ ही दूरी पर यहां नगर निगम का डंपिंग स्टेशन का कचरा सड़क तक आ गया है। बरसात के पानी में भीग कर यह कचरा इस कदर सडांध मार रहा है कि कोई यहां पचास सैकंड भी ठहरे तो तय है बदबू से उसका दम घुट जाये। खास बात यह है कि यहां पास ही काजरी का मुख्य गेट है।

काजरी के अंदर तो बाहर से ही सफाई झलकती है लेकिन बाहर की सड़क की इस डंपिंग स्टेशन ने भद पिटा रखी है। जिम्मेदारों को कई बार यहां से डंपिंग स्टेशन को हटाने की गुहार की गई और यहां तक कहा गया कि यदि आप इसे कहीं ओर शिफ्ट नहीं कर सकते तो कम कम यहां से हर दूसरे-तीसरे दिन कचरा तो उठाने की व्यवस्था करावें, लेकिन कोई नहीं सुनता। पार्षद को तो यहां की समस्या से कोई परवाह ही नहीं है, क्योंकि इस सड़क के एक ओर आॅफिस है और दूसरी ओर इंडस्ट्रीज। इसलिए यहां जब वोट ही नहीं है तो कोई राजनेता यहां क्यों कर आके झांके। यही हो रहा है। महापौर यदि यहां गुजरती भी होगी तो एसी वाली बंद गाडी में ही जाती है इसलिए ना उन्हें यहां की बदबू ही परेशान करती और ना ही गड्ढे में उनकी कार हिचकौले खाती होगी। क्योंकि सरकार की ओर से उन्हें महंगी गाडियां जो दी गई है। दावा है यहां का दौरा कलक्टर साहब ने कभी नहीं किया होगा। उनसे आग्रह है भले ही गाडी में ही सही एक बार यहां पधारिये तो सही। आपको अहसास हो जायेगा कि किस कदर दुर्गंध यहां लोगों का जीना मुश्किल किये हुए हैं।
लाखों का टैक्स फिर भी हम परेशान
इस रोड के एक किनारे बड़े-बडे शो रूम है। कोई कार का शो रूम है तो कोई एल्यूमीनियम आइटम का। इनके व्यापारियों का कहना है कि इस रोड पर स्थित प्रतिष्ठान हर साल सरकार को लाखों का टैक्स चुकाते हैं। बावजूद इसके उन्हें यहां इस कदर नारकीय माहौल में अपने ग्राहकों का स्वागत करना पड़ता है। शर्म नहीं आती नगर निगम प्रशासन को।
निजी बस स्टैंड भी यहां पर
कलक्टर साहब को हो सकता है शायद पता नहीं हो, लेकिन यहां निजी बस स्टैंड भी है। हर रोज बड़ी संख्या में यात्री यहां से सफर करते हैं। बस के लिए उन्हें इंतजार भी करना पड़ता है....अब कल्पना कीजिये किस स्थिति में वो यहां अपना समय व्यतीत करते होंगे।
Shantanu Roy

Shantanu Roy

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