राजस्थान

एनएच-56 से जुड़ी सड़क हो गई है जर्जर, जगह-जगह गड्ढे, हादसों का डर

Shantanu Roy
24 July 2023 10:46 AM GMT
एनएच-56 से जुड़ी सड़क हो गई है जर्जर, जगह-जगह गड्ढे, हादसों का डर
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प्रतापगढ़। प्रतापगढ़ में सिद्धपुरा बालाजी मंदिर से केसरपुरा तक राष्ट्रीय राजमार्ग 56 से सटी 20 किमी सड़क जर्जर हो चुकी है। बरसात के दिनों में सड़क में बने गहरे गड्ढे तालाब में तब्दील हो जाते हैं। इस मार्ग पर प्रतिदिन हजारों लोग आवागमन करते हैं। स्कूल, ऑफिस व अस्पताल जाने वाले मरीजों को रोजाना इसी रास्ते से जांच करानी पड़ती है. आम दिनों में तो लोग जैसे-तैसे यहां से गुजर जाते हैं, लेकिन बारिश में इन सड़कों से संपर्क टूट जाता है। जिससे लोगों को आवाजाही में काफी परेशानी होती है. इस मार्ग पर प्रतिदिन 5 से अधिक लोग घायल होकर सड़क दुर्घटना का शिकार हो रहे हैं, लेकिन जिम्मेदार अधिकारी इसकी सुध लेने को तैयार नहीं हैं। ग्रामीण महेश कुमार का कहना है कि करीब 10 साल पहले इस सड़क की मंजूरी पीएम योजना में आई थी और उस समय तत्कालीन ठेकेदार ने इसका निर्माण कराया था. 5 साल बाद यह सड़क धीरे-धीरे उखड़ने लगी। इन गड्ढों की ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया। जिससे वहां करीब एक से डेढ़ फीट गहरे गड्ढे हो गए। आम दिनों में तो आवागमन ऐसे ही चलता रहता है, लेकिन बरसात के दिनों में यह तालाब में तब्दील हो जाता है।
जिसके कारण यहां से निकलना मुश्किल हो जाता है। इस सड़क पर हर दिन हजारों लोग सफर करते हैं. इस मार्ग पर कुछ लोग घायल भी हो जाते हैं, कई बार ग्रामीणों ने शिविर के दौरान क्षेत्र के जन प्रतिनिधियों व प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देकर सड़क निर्माण की मांग की है. इस सड़क के लिए किसान करीब दो साल से संघर्ष कर रहे हैं। इस मार्ग पर सड़क हादसों में कई लोगों की जान भी जा चुकी है। करीब 3 साल में यहां 52 से ज्यादा सड़क हादसों में लोग घायल हो चुके हैं। इस सड़क पर निकलने में लोगों को डर लगने लगता है। गांव के किसानों का कहना है कि अपनी उपज को खेत से बाजार तक ले जाने में इस सड़क को पार करना हमारे लिए सबसे बड़ी परीक्षा है. क्योंकि कई बार यहां वाहन अनियंत्रित होकर पलट जाते हैं। जिससे सारा सामान सड़क पर बिखर गया। इसमें बहुत बड़ा नुकसान हुआ है. लेकिन आज तक इसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. इस सड़क से 6 ग्राम पंचायतों के करीब 35 गांव जुड़े हुए हैं। इन गांवों में 22 हजार से ज्यादा लोग रहते हैं. इस मार्ग पर प्रतिदिन हजारों लोग यात्रा करते हैं।
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