राजस्थान
Jodhpur की महिलाओं के स्वयं सहायता समूह के द्वारा निर्मित उत्पादों ने छोड़ी अपनी छाप
Tara Tandi
26 Nov 2024 1:02 PM GMT
x
Jaipur जयपुर । नई दिल्ली के प्रगति मैदान में चल रहे 14 दिवसीय 43वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला में महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश करते जोधपुर के पाल गांव की कल्याणी स्वयं सहायता समूह द्वारा निर्मित उत्पादों ने अपनी विशेष छाप छोड़ी है।
मेले में आ रहे आगंतुक विशेषकर महिलाएं इनके स्टाॅल पर जाकर समूह की महिलाओं से चर्चा कर उनके हुनर के बूते आत्मनिर्भर बनने के अनुभवों की जानकारी ले रही हैं। इन स्वयंसेवी महिलाओं के हूनर और उनके दृढ़ संकल्पों से उनके द्वारा हजारों लोगो को रोजगार देने तक के सफर की कहानी सुनकर लोग रोमांचित हो रहे हैं।
इन महिलाओं ने बताया कि उन्होंने अलग-अलग क्षेत्र में अपनी मेहनत, सोच और निष्ठा से फर्श से अर्श तक की कहावत को मूर्त रूप दिया है।
हल्के वजन एवं गर्माहट के लिये जयपुरी रजाईयां खरीददारों की बनी पहली पसंद—
राजस्थान मंडप में जयपुरी रजाईयों को काफी पसंद किया जा रहा है और उनके हल्के वजन, कोमलता एवं गर्माहट की खासियत की बजह से खूब खरीदारी भी हो रही है। पवेलियन में जयपुरी रजाईयां के स्टोल संचालक अब्दुल रऊफ ने बताया कि जयपुरी रजाईयां बनाना बुनकरों का वंशानुगत व्यवसाय है और इसे वे पिछली कई पीढ़ीयों से करते आ रहे हैं।
श्री रऊफ ने बताया कि रजाईयों को बनाने के लिए उच्च श्रेणी की शुद्ध एवं गुणवत्तापूर्ण कपास का प्रयोग किया जाता है। साथ ही आधुनिक फैशनेबल एवं राजस्थानी डिजाइनों में इन्हें बनाया जा रहा है जिसे ग्राहकों द्वारा काफी पसंद किया जाता है। उन्होंने बताया कि ग्राहकों के लिये अलग-अलग आकृति और आकार में रजाईयां उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा फाइबर और बनारसी जरी बार्डर पर सुंदर पुष्प डिजाइन और गहरे रंगों की रजाईयां भी बनाई जाती हैं।
राजस्थानी शुद्ध कपास से पारंपरिक सांगानेरी हैंड ब्लाक प्रिंट में विश्व प्रसिद्ध जयपुरी डबल बेड की रजाईयां भी बनाई जा रही हैं जो कि दर्शकों द्वारा काफी पसंद की हैं।
राजस्थान की प्रसिद्ध बंधेज की साड़ियों को लोगो ने किया पसंद—
राजस्थान मंडप के भीतरी भाग में लगे साड़ी और दुपट्टे के स्टाॅल पर महिलाओं ने खूब खरीदारी की। राज्य के चुरू जिले के कैलासर गांव से आई अंजू ने बताया कि राजस्थान की बंधेज साड़ियों और दुपट्टो को महिलाओं द्वारा काफी पसंद किया जा रहा है। उन्ही के साथ बूंदी जिले के डाबला गांव से आई मोबिता ने बताया कि उनके द्वारा बनाए गए लाख से निर्मित चूड़ियों, कंगनों, गले के हार इत्यादि उत्पादों की अच्छी बिक्री हो रही है।
TagsJodhpur महिलास्वयं सहायता समूहद्वारा निर्मित उत्पादोंछोड़ी अपनी छापProducts manufactured by Jodhpur women self-help groups left their markजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिलसिलाआज की ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJanta Se Rishta NewsJanta Se RishtaToday's Latest NewsHindi NewsIndia NewsKhabron Ka SilsilaToday's Breaking NewsToday's Big NewsMid Day Newspaperजनताjantasamachar newssamacharहिंन्दी समाचार
Tara Tandi
Next Story