कोटा: बरसात में इंसान को ही नहीं जानवरों को भी सिर छिपाने के लिए छत की जरूरत होती है। जबकि नगर निगम की बंधा धर्मपुरा स्थित गौशाला में आधे गौवंश को भी सिर छिपाने के लिए छत नहीं मिल रही है। वहां शेड की कमी से गायों को समस्या का सामना करना पड़ रहा है। नगर निगम की बंधा धर्मपुरा स्थित गौशाला में जहां वर्तमान में करीब 3 हजार से अधिक गौवंश है। वहां सभी गौवंश को बरसात से बचने के लिए पूरे शेड तक बने हुए नहीं हैं। ऐसे में बरसात होते ही अधिकतर गाय, बैल व बछड़े उससे बचने के लिए शेड की तरफ भागते हैं। शेड की संख्या कम होने से उसमें सीमित ही गौवंश आ पा रहे हैं। जिससे वे एक दूसरे को धक्का देकर बचने का प्रयास कर रही हैं। ऐसे में उनके चोटिल होने के साथ ही गिरने से मौत होने तक का खतरा बढ़ गया है।
बरसात से सबसे अधिक डरती गाय
नगर निगम कोटा दक्षिण की गौशाला समिति के अध्यक्ष जितेन्द्र सिंह ने बताया कि गाय बरसात से सबसे अधिक डरती है। जैसे ही बरसात होती है। वह उससे बचने के लिए शेड की तरफ भागती हैं। लेकिन शेड की कमी होने से उसमें पूरा गौवंश नहीं हो पा रहा है। जिससे उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सीमित शेड में ठुसने से कई गायों की मौत तक हो रही है।
11 सौ गौवंश को किया शिफ्ट
जितेन्द्र सिंह ने बताया कि गौशाला में कुछ समय पहले तक 4 हजार से अधिक गौवंश हो गया था। जिसे रखने की जगह तक नहीं थी। ऐसे में गौवंश की मृत्यु दर अधिक हो रही थी। जिला कलक्टर के निर्देश पर जिले की अन्य गौशालाओं को गौवंश शिफ्ट करने के निर्देश दिए गए थे। जिसकी पालना में वर्तमान में करीब 1100 गौवंश को अन्य निजी गौशालाओं में शिफ्ट कर दिया है। साथ ही नए पशुओं को नहीं पकड़ा जा रहा है। जिससे फिलहाल गौशाला में गौवंश की संख्या कम हुई है।
निमाण का टेंडर हुआ, काम शुरू नहीं
समिति अध्यक्ष ने बताया कि गौशाला में निर्माण संबंधी कार्य के टेंडर के लिए वे कई महीनों से अधिकारियों से कह रहे हैं। काफी प्रयास के बाद हाल ही में दो करोड़ के निर्माण कार्य के टेंडर हुए हैं। लेकिन बरसात शुरू होने के बावजूद भी अभी तक काम शुरू नहीं हो सका है। जिससे समस्या का समाधान नहीं हुआ।
गौशाला में पहले की तुलना में गौवंश में कमी हुई है। अन्य गौशालाओं में गौवंश को शिफ्ट किया गया है। गौशाला में टीनशेड की कमी तो है जिसके निर्माण के टेंडर भी हो चुके हैं। शीघ्र ही काम शुरू कर दिया जाएगा। टीनशेड के साथ खेल और भूसा गोदाम समेत कई अन्य निर्माÞ कार्य करवाए जाने है।
- दिनेश शमार, प्रभारी गौशाला, नगर निगम कोटा दक्षिण