न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
अनुराग अवस्थी पेशे से स्कूल टीचर हैं। वह मालाखेड़ा के नवीन स्कूल में पदस्थ हैं। 9 जुलाई को उन्होंने वीडीओ मेन्स का एग्जाम भी दिया है। अनुराग कहते हैं कि मेरे जिंदा होने के कई सारे सबूत हैं, इसके बाद भी मेरी समस्या का सामाधान नहीं हो रहा है।
राजस्थान के सबसे बड़े एसएमएस अस्पताल का एक चौंकाने वाला कारनामा सामने आया है। अस्पताल ने एक जिंदा व्यक्ति का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया। अब वह व्यक्ति अपना मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर यहां-वहां भटक रहा है, लेकिन उसकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है।
दरअसल, अलवर जिले के नेहरू नगर के रहने वाले अनुराग अवस्थी बीमार होने के बाद 10 मई को जयपुर के एसएमएस अस्पताल में भर्ती हुए थे। आठ दिन बाद 18 मई को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। इसके चार दिन बाद उनके मोबाइल पर खुद की मौत का रजिस्ट्रेशन होने का एसएमएस आया।
इससे घबराए अनुराग अस्पताल पहुंचे तो उन्हें पता चला कि अस्पताल वालों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया है। साथ ही प्रमाण पत्र के लिए रजिस्ट्रेशन भी कर दिया। रजिस्ट्रार अशोक कुमार जांगिड़ ने 28 जुलाई को अनुराग के मृत्यु प्रमाण पत्र पर साइन भी कर दिए। जिंदा होने के बाद भी अब खुद का मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर यहां-वहां भटक रहा है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अनुराग अवस्थी पेशे से स्कूल टीचर हैं। वह मालाखेड़ा के नवीन स्कूल में पदस्थ हैं। उन्होंने बीते 9 जुलाई को वीडीओ मेन्स का एग्जाम भी दिया है। अनुराग कहते हैं कि मेरे जिंदा होने के कई सारे सबूत हैं, इसके बाद भी मेरी समस्या का सामाधान नहीं हो रहा है।