राजस्थान

अस्पताल में रोजाना बढ़ रही आई फ्लू पीड़ितों की संख्या

Shantanu Roy
30 July 2023 10:58 AM GMT
अस्पताल में रोजाना बढ़ रही आई फ्लू पीड़ितों की संख्या
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करौली। करौली जिले में आई फ्लू पीड़ितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। इसके चलते अस्पतालों के नेत्र रोग विशेषज्ञों के यहां आई फ्लू से पीड़ित मरीजों की कतार लग रही है। पिछले करीब एक पखवाड़े से अस्पतालों में फ्लू से पीड़ित मरीजों की संख्या में अचानक वृद्धि हो गई है। शुरुआती दौर में मरीजों की संख्या कम थी, लेकिन अब धीरे-धीरे यह आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। करौली जिला अस्पताल में जहां 30 से 40 नेत्र रोगी पहुंच रहे थे, वहीं अब यह संख्या 150 तक पहुंचने लगी है. इसके चलते नेत्र विभाग में भीड़ नजर आने लगी है. इसे लेकर चिकित्सा विभाग भी चिंतित है। डॉक्टरों के मुताबिक, मानसून में वायरस आसानी से पनपते हैं। इससे बीमारियां बढ़ती हैं. वहीं, बीच में बारिश रुकने के बाद धूप तेज हो गई और मौसम में नमी बनी रही। डॉक्टरों के मुताबिक, आई फ्लू के लक्षण लालिमा, पानी आना, सूजन, खुजली और दर्द हैं। यह एक संक्रामक रोग है, जो एक-दूसरे के संपर्क में आने से तेजी से फैलता है।
डॉक्टरों का कहना है कि आई फ्लू या कंजेस्टिन वाइटिस तेजी से फैलने वाली बीमारी है और यह एक वायरस से होने वाली बीमारी है। डॉक्टरों के मुताबिक पीड़ित मरीज के मामूली संपर्क में आने पर ही यह बीमारी दूसरे व्यक्ति को अपनी चपेट में ले लेती है। इससे बचने के लिए आंखों को बिना धोए बार-बार नहीं छूना चाहिए। वहीं, लक्षण महसूस होने पर आंखों को साफ पानी से धोना, चश्मा लगाना, आंखों में ज्यादा दर्द होना और पानी आना आदि लक्षण दिखने पर डॉक्टर को दिखाना चाहिए। हिण्डौनसिटी. जिला अस्पताल में आई फ्लू से पीड़ित लोगों की आमद दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। शुक्रवार को नेत्र विभाग की ओपीडी में मरीजों की आमद 500 थी. पिछले चार दिनों में नेत्र रोगियों की संख्या 2500 के पार पहुंच गयी है.
उमसभरी गर्मी के बीच कस्बे सहित आसपास के क्षेत्रों में इन दिनों नेत्र रोग आई फ्लू के रोगी अधिक सामने आ रहे हैं। यह एक संक्रामक रोग है। जिससे आई फ्लू रोगी की आंखों में देखने या उसके संपर्क में आने से एक स्वस्थ्य व्यक्ति भी आई फ्लू का शिकार हो जाता है। गुढ़ाचंद्रजी अस्पताल में आई फ्लू के रोजाना काफी रोगी आ रहे हैं। ओपीडी में रोजाना सैकड़ों मरीज आई फ्लू के आ रहे हैं। अस्पताल में नेत्र रोग विशेषज्ञ नहीं होने से मरीजों को इलाज में दिक्कत आ रही है। एक पखवाड़े से दिख रहा असर बीते एक पखवाड़े से आई फ्लू का प्रकोप बढऩे से बच्चों के साथ बुजुर्ग अधिक ग्रसित हो रहे हैं। बच्चों में आई फ्लू रोग काफी दिख रहा है। बच्चों से यह अन्य लोगों में भी फैल रहा है। कई स्कूलों में बच्चे आई फ्लू संक्रमित हो रहे हैं। किसी परिवार में एक व्यक्ति संक्रमित होने पर सभी संक्रमित हो जाते हैं। इस बार उमसभरी गर्मी का असर अधिक होने से आई फ्लू वायरस फैल रहा है। दवा लेने के बाद ठीक होने में करीब एक सप्ताह लग जाता है। चिकित्सकों के मुताबिक आंख को उंगली से छूने से अंगुली भी वायरस संक्रमित हो जाती है। इससे दूसरा व्यक्ति भी रोग की चपेट में आ जाता है। इसके बचाव के लिए बार-बार हाथ को धोना चाहिए। वैद्य शिवराम मीणा ने बताया कि नीम के पत्तों को पानी में उबालकर उसे ठंडा कर उस जल से आंखों को धोना भी फायदेमंद रहता है।
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