राजस्थान
पड़ोसी परिवार ही बना हैवान, भाई बोला– झगड़ा मुझसे उसे क्यों मारा
SANTOSI TANDI
21 July 2023 1:45 PM GMT
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झगड़ा मुझसे उसे क्यों मारा
पानी के टैंकर के पाइप पर पैर रखने की जरा सी बात ने एक परिवार से उसका बेटा छीन लिया। बदले की आग में पड़ोसी ही जान का दुश्मन बन गया और 28 साल के युवक को मौत के घाट उतार दिया। मौत के दो दिन बाद भी सड़क पर खून के निशान उसकी बेरहमी से हत्या और बदले की कहानी बयां कर रहे हैं। परिवार का रो-रोकर बुरा हाल है। बड़ा भाई इस गम में है कि उसके झगड़े की सजा उसके छोटे भाई को मिली। वहीं पिता खून से लथपथ जवान बेटे के शव को याद कर आरोपियों को सजा दिलाने को जीवन का मकसद बना चुका है। मृतक युवक की 3 साल की छोटी सी बेटी घर में अपने पापा को ढूढ़ती है वहीं पत्नी तो डिप्रेशन के कारण गुमसुम रहने लगी है।
मामला पाली जिले के सोजत के बड़े मिनारों की मस्जिद शेखों का बास मोहल्ले का है। इस मोहल्ले में सलीम अंसारी अपने दो बेटों के साथ रहते हैं। अंसारी के छोटे बेटे 28 साल के सरफराज की 19 जुलाई की शाम हत्या की गई थी। हत्या करने वाले भी पड़ोस में ही रहने वाली 50 साल की मुन्नी उर्फ सरताज बोना, उसके बेटे और पति था।
सरताज बोना के बेटों पर अंसारी के बड़े बेटे से जुल्फीकार से बदला लेने का खून सवार था। वे उसे उनकी मां के साथ झगड़ा करने की सजा देना चाहते थे। बदले की आग इस कदर हावी थी कि जुल्फीकार के छोटे भाई को मौत के घाट उतार दिया। घर से चंद दूरी पर सरफराज का खून से लथपथ पड़ा था। मामले की जानकारी पर घरवाले दौड़ते हुए मौके पर पहुंचे मगर तब तक सांसें बंद हो चुकी थी।
मृतक का बड़ा भाई कोयला व्यापारी जुल्फीकार और पिता सलीम अंसारी
मृतक का बड़ा भाई कोयला व्यापारी जुल्फीकार और पिता सलीम अंसारी
निर्मम हत्या के दो दिन बाद भी मोहल्ले में पुलिस तैनात है। वहीं मामले के पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। भास्कर मामले की तह तक जाने मोहल्ले में गया तो चारों ओर एक खामोशी के बीच सिर्फ रोने की आवाज थी। मोहल्ले के घरों के बाहर पुलिकर्मी खड़े थे। मृतक युवक के घर नाते-रिश्तेदारों का आना-जाना लगा हुआ था...
पूरा परिवार गुनहगारों को फांसी की कर रहा मांग
हम घर के अंदर गए तो एक कोने में सरफराज के बूढ़े पिता सलीम अंसारी बैठे थे। कभी वे अपनी आंखों से आंसू पोंछते तो कभी चिल्लाकर बोलते- मेरे बेटे के गुनाहगारों को सजा दिलाकर रहूंगा।सरफराज की बदहवास पत्नी 3 साल की बेटी को अपने सीने से चिपकाकर बैठी थी। बड़ा भाई रोते हुए बोल रहा था- मेरे भाई को क्यों मारा। हम भी रिश्तेदारों के साथ सरफराज के भाई के पास बैठ गए। तब सामने आया कि हत्या के 6 दिन पहले झगड़ा हुआ था। जिसके बाद मामला बढ़ गया।
कोयला का व्यापारी था सरफराज
सरफराज चार भाई-बहन है। मृतक और उसका बड़ा भाई जुल्फीकार कोयले का व्यापारी है। जुल्फीकार सोजत में कोयले का व्यापार करता है। वहीं सरफराज फलौदी में कोयले का व्यापार करता था।
ये सरफराज का घर है। नाते-रिश्तेदार और पड़ोसी परिवार को सांत्वना देने आ रहे हैं।
ये सरफराज का घर है। नाते-रिश्तेदार और पड़ोसी परिवार को सांत्वना देने आ रहे हैं।
बड़ा भाई बोला- झगड़ा मुझसे छोटे को क्यों मारा
सरफराज के बड़े भाई 32 साल के जुल्फीकार ने रोते हुए कहा कि मेरे भाई का क्या कसूर था, जो बेरहमी से कत्ल कर दिया। झगड़ा तो मेरे से था,मेरी गलती नहीं थी फिर भी मैंने मोहल्लेवालों की समझाइश पर माफी मांगी ताकि झगड़ा न बढ़े लेकिन उन्होंने मेरे घर का चिराग बुझा दिया। अब उन हत्यारों को उनके किए की सजा कानून से दिलाकर ही दम लूंगा। तब जाकर मेरे मरहूम भाई सरफराज की रूह को सुकून मिलेगा।
पाइप के मुड़ने पर झगड़ा, माफी के बाद भी मारपीट
जुल्फीकार को तसल्ली देते हुए हमने मामले में बारे में पूछा कि आखिर हुआ क्या था। तब उन्होंने बताया कि बात 13 जुलाई की है। होद में पानी खत्म होने पर टैंकर मंगवाया था। उनके दो मकान पास-पास है। मोड़ होने के कारण पाइप को सीधा कर मैंने होद में डाला था। तब 50 साल की मुन्नी उर्फ सरताज बोना गली से निकली थी। उसने पाइप पर पैर रख दिया जिससे पाइप मुड़ गया। यह देख मैंने कहा था कि, चाची थोड़ा देख लेती पाइप से होद में पानी जा रहा है। इतनी सी बात पर चाची भड़क गई और भला-बुरा कहने लगी। झगड़ा बढ़ता देख मैंने माफी भी मांग ली। उसके बाद वह अपने घर गई। कुछ देर बाद ही उसके बेटे घर आए और मुझे मारने लगे। परिवार के लोगों मुझे छुड़वाया। उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई का मन बना रखा था लेकिन शाम को पीर साहब जुल्फीकार अली ने बुलाया और दोनों पक्षों को बैठाकर समझौता करवा दिया। मैंने भी उनकी बात रखी और सबकुछ भूल गया।
मोहल्ले के दिलदार खान और मोहम्मद यासनी।
मोहल्ले के दिलदार खान और मोहम्मद यासनी।
मौत से पहले तालाब पर की मारपीट
बड़े भाई ने बताया कि 19 जुलाई को सरफराज शाम करीब साढ़े सात बजे घूमने के लिए बाइक लेकर तालाब की ओर निकला था। उसकी पत्नी ने बोला था, खाना खाकर जाओ। तब उसने कहा था कि वापस आकर खा लूंगा। जब वह तालाब पर पहुंचा तो वहां पहले से चाची का बेटा फरहान बैठा था। उसने सरफराज से कहा कि तेरा भाई जुल्फीकार बहुत उड़ रहा है। उसकी चर्बी उतारनी पड़ेगी। इसका सरफराज से विरोध किया तो मारपीट करने लगा। वहां खड़े दूसरे लड़कों ने दोनों को छुड़ाया।
सोजत सिटी के बड़े मिनारों की मस्जिद क्षेत्र में आरोपियों के मकान के बाहर पड़े मृतक सरफराज के खून के धब्बे।
सोजत सिटी के बड़े मिनारों की मस्जिद क्षेत्र में आरोपियों के मकान के बाहर पड़े मृतक सरफराज के खून के धब्बे।
पड़ोसी ने पूरे परिवार के साथ घेरकर मारा
तालाब पर झगड़े के बाद हत्या का मुख्य आरोपी फरहान अपने घर आ गया। कुछ देर बाद सरफराज भी अपनी बाइक लेकर घर की ओर आ रहा था लेकिन घर से चंद दूरी पर ही फरहान और उसका पूरा परिवार लाठी और धारदार हथियार लेकर घात लगाकर बैठे थे। सरफराज उनके घर के सामने से बाइक लेकर गुजरा तो अजीज शेख पुत्र मोहम्मद बक्श, उनका बेटा फरहान, हुसैन उर्फ छोटू, सरताज बोना उर्फ मुन्नी पत्नी अजीज शेख ने हमला कर दिया। वह संभलता इससे पहले ही छोटू और फरहान ने उस पर धारदार हथियार से हमला कर दिया। उसकी गर्दन में गहरा घाव हो गया। आवाज सुनकर मेरे पिता, बहन और जवाई भागकर गए तो उनके साथ भी मारपीट की गई।
भीड़ के बीच खून से लथपथ पड़ा था भाई
घटना के समय बड़ा भाई खेत पर था। उसके पास मोहल्ले के लोगों का फोन आया कि तब भाई सरफराज और पिता सलीम पर हमले की बात पता चली। बाइक लेकर तुरंत घर आया। पूरे मोहल्ले में भीड़ थी। भीड़ को चीरते हुए अंदर गया तो आरोपियों ने भाई के सिर पर लाठी और धारदार हथियार से वार कर रखा था। सड़क पर खून से लथपथ पड़े भाई को हॉस्पिटल लेकर गया लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। सरफराज घटना वाले दिन ही दोपहर को सोजत आया था और देर शाम आरोपियों से कहासुनी के बाद हत्या कर दी गई थी।
पाली जिले के सोजत सिटी में अभी भी बड़े मिनारों की मस्जिद क्षेत्र पुलिसकर्मी तैनात है।
पाली जिले के सोजत सिटी में अभी भी बड़े मिनारों की मस्जिद क्षेत्र पुलिसकर्मी तैनात है।
हत्या के बाद सड़क से खून साफ करने लगे आरोपी
मोहल्ले के मोहम्मद यासीन अंसारी ने कहा कि शाम के करीब साढ़े आठ बज रहे थे। वह खाना खा रहा था। इतने में जोर का हल्ला सुनाई दिया तो खाना छोड़ बाहर गया। देखा तो भीड़ हो रखी थी और खून से लथपथ सरफराज सड़क पर पड़ा था। जिसे उसके परिजनों की सहायता से उठाकर हॉस्पिटल ले गए। मोहल्ले में रहने वाले दिलदार खान ने बताया कि घटना के बाद आरोपी सड़क पर पड़ा खून साफ कर रहे थे। ये देखकर पड़ोसियों ने उन्हें रोका। पड़ोसियों ने आरोपियों को सख्त सजा की मांग की है।
पिता बोले- अब आरोपियों को सजा दिलाना ही मकसद
सरफराज के पिता सलीम अंसारी ने कहा कि हर पिता की आखिरी तमन्ना होती है कि उसके जनाजे को उनकी औलाद कंधा देकर कब्रिस्तान तक ले जाए। मैं वह बदनसीब पिता हूं, जिसने अपने जवान बेटे का जनाजा जाते इन बूढ़ी आंखों से देखा है, आप मेरा दर्द समझ सकते हो। बोले कि- अब हत्या के सभी आरोपियों को सजा दिलाने के लिए जिंदा रहूंगा और कोशिश करूंगा कि मेरे बेटे को बेरहमी से कत्ल करने वाले आरोपियों को फांसी के फंदे पर लटकता देखूं।
मृतक युवक की 3 साल की बेटी इसियाद और पत्नी केकू ।
मृतक युवक की 3 साल की बेटी इसियाद और पत्नी केकू ।
पति की मौत के बाद सदमे में पत्नी
सरफराज की मौत के बाद से उसकी पत्नी केकू चुप है। उसे गहरा सदमा लगा है और डिप्रेशन में चली गई है। उसकी 3 साल की मासूम बेटी इसियाद कभी दादा को तो कभी अपनी बुआ को रोता देख खुद भी रोने लग जाती है। उसे पता भी नहीं कि घर में उसके पिता की मौत से सभी सदमे में है।
पहले दोनों परिवारों में थे सामान्य संबंध
13 जुलाई को पानी के पाइप की बात को लेकर हुए झगड़े से पहले दोनों परिवारों में सामान्य संबंध थे। इससे पहले उनमें किसी तरह का झगड़ा या कहासुनी तक नहीं हुई थी।
सरफराज की बेटी अपनी बुआ की गोद में बैठे हुए।
सरफराज की बेटी अपनी बुआ की गोद में बैठे हुए।
पांच आरोपी गिरफ्तार
सीओ सोजत सिटी मृत्युंजय मिश्रा ने बताया कि सलीम अंसारी पुत्र गुलाम रसुल ने बेटे की हत्या का मामला दर्ज करवाया था। मामले में अजीज शेख (55) पुत्र मोहम्मद बक्श, फरहान (25) पुत्र अजीज शेख, हुसैन उर्फ छोटू (23) पुत्र अजीज शेख, आसिफ (23) पुत्र मोहम्मद रफीक और मोहम्मद सलीम (60) पुत्र मोहम्मद बक्स को गिरफ्तार किया गया। मुख्य आरोपी फरहान और उसका भाई हुसैन मजदूरी का काम करते थे। वे मकान निर्माण में प्लास्टर का काम करते थे। पांचों आरोपियों को आज कोर्ट में पेश किया जाएगा। आरोपियों को ट्रांसपोर्ट नगर और सोजत पुलिस की मदद से पकड़ा गया हैं।
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