नाबालिग चंगुल तोड़ पहुंचा थाने, बोला-खतरे में हैं 20 मासूम
उदयपुर: जिले के ग्रामीण क्षेत्र से नवजातों को खरीद कर उन्हें महानगरों में बेचने के नेटवर्क तक अभी पुलिस पहुंची ही नहीं कि शहर के गोवर्धनविलास थाना क्षेत्र में रविवार को बाल तस्करी का एक और मामला सामने आया, जब काम दिलाने के बहाने मध्यप्रदेश के इंदौर से लाया गया एक नाबालिग बाल तस्करों के चंगुल से भाग छूटा और बस पर लटक कर बलीचा पहुंचा। इस दौरान एक सामाजिक संस्थान के पदाधिकारी की नजर इस रोते-बिलखते मासूम पर पड़ी। बच्चे ने इस पदाधिकारी को बताया कि कुछ लोग उसे काम दिलाने के बहाने से यहां लाए। उसके अलावा 20 अन्य मासूम भी हैं जो खतरे में है। सभी को एक कमरे में बंधक बना रखा था। इनमें से 10 को तो कुछ घंटे पहले ही किसी को सौंप दिया गया।
अभी नौ बच्चों को बाल तस्करों ने बंधक बना रखा है। स्वयंसेवी ने सक्रियता दिखाई और उस बच्चे को लेकर सीधे गोवर्धनविलास थाने पहुंचा, जहां बच्चे ने आपबीती बताई। करीब 14 वर्ष के बच्चे ने गायत्री सेवा संस्थान के पदाधिकारी व पुलिस को बताया कि कुछ दिनों पूर्व रिश्तेदारों और कुछ लोगों ने उसके परिजनों को उसे काम दिलाने का झांसा दिया और फिर उसे लेकर यहां आ गए। यहां पहुंचने के बाद मामला कुछ और ही निकला। नाबालिग की निशानदेही पर पुलिस मौके पर पहुंची तब बाल तस्कर और बच्चे रफूचक्कर हो चुके थे।
सभी बच्चे नाबालिग
नाबालिग ने पूछताछ में बताया कि इंदौर से लाकर उसे शहर के निकट किसी बड़े हॉल में रखा गया, जहां उसके साथ अन्य छोटे बच्चे थे। इनकी उम्र 12 से 16 वर्ष के मध्य है तथा इनकी संख्या 20 है। इनमें से करीब 10 बच्चों को गत दिनों किसी अन्य स्थान पर ले गए।
बाल तस्करों की तलाश में जुटी पुलिस
नाबालिग के चंगुल तोड़ भागने और पुलिस तक पहुंचने में करीब एक घंटा लगा। थाना पुलिस ने भी तत्परता दिखाते हुए नाबालिग की निशानदेही पर दबिश दी, लेकिन इससे पहले ही बाल तस्कर रफूचक्कर हो चुके थे। पुलिस उनका पता लगाने में जुट गई है।