राजस्थान

सैंपऊ से जिले के बीच 704 करोड़ में बिछेगी मुख्य ट्रांसमिशन लाइन, 2 साल में होगा काम पूरा

Admin4
5 Sep 2023 11:07 AM GMT
सैंपऊ से जिले के बीच 704 करोड़ में बिछेगी मुख्य ट्रांसमिशन लाइन, 2 साल में होगा काम पूरा
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भरतपुर। भरतपुर हर घर जल पहुंचाने की योजना के तहत भरतपुर जिले के 647 गांवों में चम्बल का पानी पहुंचाने के लिए 704 करोड़ रुपए में ट्रांसमिशन पाइप लाइनें बिछाई जाएंगी। रेट ज्यादा होने के कारण पहले निविदा रद्द हो गई थी। जिसके कारण अब दोबारा के निविदा मांगी गई है। इस महीने में निविदा खुलने के बाद यह कार्य शुरू होगा और करीब 20 महीने में कार्य पूर्ण करना होगा। यह लाइनें बिछने के बाद जिले की साढ़े 15 लाख आबादी को शुद्ध पेयजल आपूर्ति किया जाएगा। जल जीवन मिशन योजना के तहत शुरू की गई हर घर जल पहुंचाने की योजना के तहत जिले के 1426 गांवों में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग (पीएचईडी) एवं चम्बल योजना के तहत पानी पहुंचाया जाएगा। इनमें से रूपवास, उच्चैन, सेवर, कुम्हेर, डीग, नगर, कामां एवं पहाड़ी ब्लॉक के 647 गांवों में चम्बल की ओर से घर-घर कनेक्शन देने का प्रावधान है, जिसके लिए राज्य सरकार की ओर से 3106 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
इस योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए पूरी योजना को चार भागों में बांटा गया है। जिसके दूसरे चरण में ट्रांसमिशन मैन पाइप लाइन कार्य के लिए 489.12 करोड़ रुपए की निविदा लगाई गई थी, लेकिन रेट के कारण यह निविदा रद्द हो गई थी। जिसके कारण रिवाइज निविदा लगाई गई है। जिसको तकनीकी स्वीकृति 22 अगस्त को मिल गई और 25 अगस्त को टैंडर लगा दिया गया है। अब यह 26 सितम्बर को टैंडर खुलेगा। इसके बाद 20 महीने में कार्य पूरा किया जाएगा। जिसके तहत सैंपऊ से लेकर रूपवास, भरतपुर, नगर, डीग, कामां व पहाड़ी तक पाइप लाइन बिछाई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि भरतपुर जिले के करीब 1426 गांव में इस योजना के तहत घर-घर पानी पहुंचाना है। वर्ष 2019 में शुरू की गई यह योजना दिसम्बर 2024 तक पूरी होने वाली है। जिले के कुल गांवों में से 764 गांवों में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिक विभाग (पीएचईडी) की ओर से जल पहुंचाने की व्यवस्था की जा रही है। जबकि बाकी के गांवों में चम्बल परियोजना कार्य करेगी। धौलपुर से लेकर भरतपुर जिले के 647 गांवों में चम्बल का पानी पहुंचाने के लिए 704 करोड़ रुपए की निविदा लगाई है। जो 26 सितम्बर को खोली जाएगी। कार्य आदेश होने के बाद 20 महीने में यह योजना पूर्ण करना प्रस्तावित है। इसके बाद जिले की साढ़े 15 लाख आबादी को शुद्ध पानी मिलेगा।
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