राजस्थान

जो दीप मैंने जलाया, किसी आंधी-तूफान से बुझने वाला नहीं: वसुंधरा राजे

Admin Delhi 1
5 March 2023 9:54 AM GMT
जो दीप मैंने जलाया, किसी आंधी-तूफान से बुझने वाला नहीं: वसुंधरा राजे
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जयपुर: पूर्व सीएम व भाजपा की राष्टÑीय उपाध्यक्ष वसुंधरा राजे ने अपने जन्मदिवस पर शनिवार को सालासर बालाजी मंदिर में पूजा-अर्चना की और विशाल जनसभा को संबोधित करते हुए गहलोत सरकार पर जमकर हमला बोला। इस आयोजन को राजे के शक्ति-प्रदर्शन के रूप में भी देखा जा रहा है। वसुंधरा को जन्मदिवस की बधाई देने भाजपा के 52 विधायक, 12 सांसद और 118 पूर्व विधायकों सहित प्रदेशभर से भाजपा नेता पहुंचे। राजे ने कहा है कि मैं संगठन के सिपाही के रूप में पीएम मोदी के मार्गदर्शन व जेपी नड्डा के नेतृत्व में विचारधारा की मशाल लेकर आगे बढ़ रही हूं। मैंने जो बालाजी की आस्था और जनता के आशीर्वाद का दीप जलाया है, वह किसी आंधी-तूफान से बुझने वाला नहीं हैं। राजस्थान के माथे पर विकास का मुकुट लगाने से उन्हें कोई नहीं रोक सकता।

राजस्थान जल रहा, सीएम चैन की नींद सो रहे

गहलोत सरकार पर हमला बोलते हुए राजे ने कहा कि जिन्हें जनता की सुरक्षा के लिए चुना, वे पूरे समय कुर्सी की सुरक्षा में लगे रहे। राजस्थान अराजकता के माहौल में जल रहा है और सीएम चैन की नींद सो रहें हैं। यह आग उनकी कुर्सी तक पहुंचेगी, न उनकी कुर्सी बचेगी और न उनकी सरकार। राजस्थान में अराजकता के कारण जनता खून के आसू पी रही है। उन्होंने चिरंजीवी योजना, किसानों का बीमा, पेपर लीक को लेकर भी कांग्रेस सरकार को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस ने साढ़े चार साल एक दूसरे को पछाड़ने में लगा दिए। इससे राजस्थान पिछड़ गया।

याद किया भैरोंसिंह शेखावत को

पूर्व सीएम ने कहा यहां वे लोग आए है जो हर दौर में उनके साथ खड़े रहे। कितनी ही बाधायें आई, कितनी ही अड़चने आई, इन्होंने कभी साथ नहीं छोड़ा। चट्टान बन कर खड़े रहे। उन्होंने कहा कि उनकी मां ने सिखाया कि राजस्थान के लिए प्राण भी चले जाए तो कम है। अटल जी ने कठिन परिस्थितियों में भी डटे रहने का साहस और भैरौं सिंह जी ने आत्मविश्वास से सींचा। उन्होंने कहा 2003 में जनता ने भाजपा को पहली बार 120 और 2013 में 163 देकर सरकार बनाई। उनकी सरकार ने बीमारु प्रदेश को अग्रणी प्रदेश बनाया, पर दो बार कांग्रेस की अल्पमत सरकार ने विकास की जो इमारत हमने बनाई थी, उसे ढहा दिया। उन्होंने हनुमान चालीसा की दो पक्तियां के साथ भाषण खत्म किया। राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे, सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहूं को डरना। इसके बाद विशाल जन समूह ने सामूहिक हनुमान चालीसा का पाठ किया।

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