राजस्थान

जवान ने पत्नी से जल्द आने का वादा किया था, लेकिन शव तिरंगे में लिपटा आया

Bhumika Sahu
14 July 2022 10:08 AM GMT
जवान ने पत्नी से जल्द आने का वादा किया था, लेकिन शव तिरंगे में लिपटा आया
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जवान ने पत्नी से जल्द आने का वादा किया था

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अजमेर (राजस्थान). मातृभूमि की सुरक्षा करते हुए राजस्थान की माटी के सपूत नायक भागचंद का आज उनके पैतृक गांव में पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। भारतीय सेना में तैनात नायक भागचंद गुर्जर भारत चीन बोर्डर पर पेट्रोलिंग करते समय सड़क हादसे में शहीद हो गए थे। गुरुवार को उनकी पार्थिव देह अजमेर जिले के किशनगढ़ पहुंची जिसके बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा। गांव में हर तरफ मातम छाया हुआ था। वहीं जवान की पत्नी कफन और उनकी देह से लिपटकर फूट-फूटकर रोए जा रही थी। वह बार-बार यही कह रही थी कि अभी तो आपने जल्द आने का वादा किया था, लेकिन उससे पहले आपकी देश तिरंगे में लिपटी आ गई।

बुधवार सवेरे जब उनको अंतिम विदाई दी गई तो भारत माता के जयकारों लगाते लगाते कई गांव के गांव जमा हो गए। शहीद की पार्थिव देह के साथ कई किलोमीटर लंबी शहीद यात्रा निकाली गई और उसके बाद अंतिम दर्शन कर उनको हमेशा के लिए विदा कर दिया गया।
शहीद भागचंद गुर्जर के बड़े भाई नंदाराम गुर्जर ने बताया कि एक महीने की छुट्टी लेकर आए थे भागचंद। गांव वालों से मिले, रिश्तेदारों से मिले। पत्नी माया ने बताया कि कई दिनों बाद आए थे पति। एक महीने की छुट्टी लेकर। बच्चे और हम सब खुश थे। सभी चाह रहे थे कि वे थोड़ा और रुक जाएं। लेकिन ऐसा नहीं हो सका। उनका कहना था कि वापस जल्द आउंगां । तुम खुदका, परिवार का और बच्चों का ध्यान रखना। किसे पता था कि वे अब कभी नहीं लौटेंगे।
किशनगढ़ निवासी भागचंद गुर्जर भारतीय सेना की 21 राजपूत रेजिमेंट में थे। दो दिन पहले पैट्रोलिंग के दौरान उनका वाहन बेकाबू होकर पलट गया था और हादसे में उनकी जान चली गई थी। मंगलवार को इसकी सूचना परिजनों को मिली।
बुधवार को जवान भागचंद गुर्जर की देह को हवाई मार्ग से जयपुर एयरपोर्ट पर लाई गई। उसके बाद सड़क मार्ग से उनके गांव किशनगढ़ में भेजी गई। गांव में शहीद की अतिम यात्रा निकाला गई। देश भक्ति गीत और नारे गूंजते रहे।
बता दें कि अपने जांबाज जवान भागचंद गुर्जर के अंतिम दर्शन के अजमेर जिले के किशनगढ़ के कई गांव के लोग उमड़े थे। हर तरफ भारत माता की जय और वीर सपूत अमर रहे के नारे गूंज रहे थे।


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