बिजली के बिल में 52 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल चार्ज लगाने के विरोध में 28 मई को उद्योग बंद रहेगा
जयपुर: यूकोरी और वीकेआई इंडस्ट्रीज एसोसिएशन की और से गुरुवार को बिजली के बिल में 52 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल चार्ज लगाने के विरोध में 28 मई को एक दिन उद्योग बंद करने की घोषणा की है।
यूनाइटेड काउंसिल ऑफ राजस्थान इंडस्ट्रीज (यूकोरी) एवं विश्वकर्मा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष ताराचंद चौधरी की अध्यक्षता में प्रदेश स्तर के एसोसिएशनो के पदाधिकारियों की सभा विश्वकर्मा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन भवन में हुई।
यूकोरी अध्यक्ष ताराचंद चौधरी एवं महासचिव नीलेश अग्रवाल ने बताया कि दूसरे राज्यों से बिजली महंगी मिलने के कारण उद्योगों को चलाना मुश्किल होता जा रहा है, ऐसे में जयपुर ,अजमेर, जोधपुर वितरण निगमों ने फ्यूल सरचार्ज 45 पैसे + स्पेशल फ्यूल सरचार्ज 7 पैसे= 52 पैसे प्रति यूनिट लगाया गया है, अब एक साथ पूरा बकाया सरचार्ज बिल में लगाने के कारण बहुत ज्यादा भारी भरकम बिल बन गया है जो उद्योगों के बिजली खपत से ज्यादा है। उघमी बिल जमा कराने की पोजीशन में नहीं है।
चौधरी ने बताया कि नियामक आयोग के निर्णय के अनुसार 45 पैसे प्रति यूनिट फ्यूल सरचार्ज बिलो में लगना चाहिए था। 7 पैसे प्रति यूनिट स्पेशल फ्यूल चार्ज के रूप में विद्युत कंपनियों ने गलत लगाया है। मीटिंग में स्पेशल फ्यूल सरचार्ज का कड़ा विरोध किया गया कि यह चार्ज बिलों में नहीं लगना चाहिए था। ये बिलों में से 7 पैसे प्रति यूनिट वापस कम किया जावे और जिन्होंने बिल जमा करवा दिया है उनका स्पेशल फ्यूल चार्ज के पैसे वापस जमा कर आगे एडजस्ट किया जाए और फ्यूल सरचार्ज तीन किस्त में लिया जाए।
वेयरहाउस /गोदाम को नगरीय विकास विभाग ने उद्योगों का दर्जा दे रखा है लेकिन रीको इसे उद्योगों का दर्जा नहीं दे रही है, इससे उद्योगों के सामने बहुत बड़ी समस्या आ रही है। वेयरहाउस/ गोदाम उद्योगों का ही पार्ट है अगर उद्योगों में गोदाम नहीं होंगे तो माल कहां रखेंगे। नगरीय विकास विभाग की तरह रीको को भी वेयरहाउस/ गोदाम को इंडस्ट्रीज का दर्जा दिया जाए।
नगर निगम द्वारा अन्य गतिविधियां मानते हुए उद्योगों को नगरीय विकास शुल्क के नोटिस देकर परेशान करते हैं। नगर निगम ने प्राइवेट ठेकेदारों को रिकवरी का ठेका दे रखा है। ये नाजायज नगरीय विकास शुल्क को बढ़ा चढ़ाकर बिल देकर परेशान करते हैं।
रीको औद्योगिक क्षेत्रों में रोड लाइट ,रोड सफाई ,नाली सफाई आदि सभी कार्य रीको करवाती है और रीको उद्योगों से सालाना सर्विस चार्ज वसूलता है इसी कारण रीको औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योगों पर स्वायत शासन विभाग के आदेश संख्या 3405 दिनांक 30/6/ 2010 के अनुसार नगरीय विकास शुल्क हटा दिया गया।
रीको औद्योगिक क्षेत्रों में नगरीय विकास शुल्क लगता ही नहीं है तो नगर निगम वाले नाजायज नोटिस देकर किसी भी उद्यमी को परेशान नहीं करें। सुप्रीम कोर्ट का डिसीजन भी है कि जहां एक संस्था चार्जेज लेती है वहां दूसरी संस्था का कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।
रीको औद्योगिक क्षेत्रों में नगर निगम द्वारा अग्निशमन प्रमाण पत्र के लिए सभी उद्यमियों को नोटिस दिए जा रहे हैं जो कि अनुचित है, उद्यमी फायर एनओसी लेने की स्थिति में नहीं है कारण कि सभी के पास बहुत बड़े 2000 गज तक प्लॉट हैं इस पर बहुत बड़े भवन उद्योगों के हिसाब से बने हुए हैं। इस पर एनओसी लेने का भारी-भरकम वित्तीय भार कई लाखों में आएगा जो उघमी सहन नहीं कर पाएगा। औद्योगिक क्षेत्रों में पानी की बहुत बड़ी भारी कमी है पीने का पानी भी बड़ी मुश्किल से मिलता है पानी की सप्लाई शुन्य के बराबर हैं। ऐसी स्थिति में नियम व्यवहारिक नहीं है
नेशनल बिल्डिंग कोड 2016 के पेज संख्या 273 पर बिंदु संख्या 3.2.7 में यह स्पष्ट है कि 2016 से पूर्व बने हुए भवनों का उक्त फायर एनओसी लेने की अनिवार्यता या बाध्यता नहीं है।
प्रदेश में पिछले 60 वर्षों से उद्योग उत्पादन करते आ रहे हैं आज तक तो फायर एनओसी की आवश्यकता नहीं पड़ी । इसके साथ ही देश के अधिकतर राज्यों में 15 मीटर ऊंचाई तक के औद्योगिक भवनों को एनओसी में छूट दी गई है। राज्य में भी उद्योगों पर फायर एनओसी की बाध्यता खत्म की जाए।
मीटिंग में उपरोक्त समस्याओं पर भारी रोष था सभी ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि जब तक इन समस्याओं का निराकरण नहीं होगा विरोध जारी रहेगा और सरकार को चेताने के लिए 28 मई 2023 को एक दिन सांकेतिक उद्योग बंद करने का निर्णय लिया है ।
मीटिंग में यूकोरी के सभी पदाधिकारी एवं कार्यकारिणी सदस्य ,विश्वकर्मा, झोटवाड़ा, बगरू, बाईस गोदाम, सुदर्शनपुरा, सीतापुरा, हीरावाला मानसरोवर, बिंदायका ,जेतपुरा, मंडा, कालाडेरा, सरना डूंगर सभी इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष, महासचिव एवं पदाधिकारी मौजूद रहे । फोर्टी के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ अरुण अग्रवाल ,जयपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री के सचिव जगदीश सोमानी व वरिष्ठ उद्यमी उपस्थित रहे।
युकोरी के अध्यक्ष ताराचंद चौधरी ने बताया कि दूसरे राज्यों से महंगी बिजली मिलने के कारण उद्योगों को चलाना मुश्किल होता जा रहा है। जयपुर, अजमेर, जोधपुर वितरण निगम ने फ्यूल सरचार्ज 45 पैसे प्लस स्पेशल फ्यूल सरचार्ज 7 पैसे दोनों जोड़कर 52 पैसे प्रति यूनिट लगाया गया है।