जयपुर न्यूज़: प्रदेश के मारवाड़ क्षेत्र सहित अन्य इलाकों में लम्पी स्किन रोग से 5 लाख से ज्यादा गोवंश की दर्दनाक मौत हुई। पशुपालकों की रोजी-रोटी छिन गई। सरकार ने पशु चिकित्सालय में पर्ची कटवाने वाले पशुपालकों की 76 हजार 30 गोवंश की मौत लम्पी से मानी। मुख्यमंत्री के बजट में लम्पी रोग से पीडित दुधारू गाय की मौत पर पशुपालक को 40 हजार की आर्थिक सहायता देने की घोषणा करते ही पशुपालन विभाग ने आंकड़े बदल दिए।
विभाग ने केवल 52 हजार गाय को दुधारू माना, लेकिन इसमें से भी केवल 42 हजार गाय की मौत का मुआवजा ही पशुपालकों को दिया है। जबकि सरपंच संघ ने सरकार को दिए ज्ञापन में पांच लाख से ज्यादा गोवंश की मौत का दावा किया था। गौशालाओं में हुई मौतों को भी मुआवजा की श्रेणी में नहीं माना। पशुपालन विभाग के डायरेक्टर भवानी सिंह राठौड़ का कहना है कि हॉस्पिटल में रजिस्टर्ड करीब 52 हजार दुधारू गाय पर ही मुआवजा देना तय हुआ है। इसमें से 42 हजार को मुआवजा दे चुके हैं। अन्य मामलों में जनाधार व बैंक डिटेल नहीं मिलने के कारण मुआवजा ट्रांसफर नहीं हो पाया। जल्दी ही शेष मामलों में मुआवजा दे दिया जाएगा।