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भरतपुर। कलेक्टर आलोक रंजन से मदद की गुहार लगाने वाली युवती को कलेक्टर रंजन से उस एक गिरफ्तार करवा दिया, जिस समय उस युवती ने कलेक्टर की जनसुनवाई में युवती ने यह कह दिया कि, "अगर आप अतिक्रमण नहीं हटवा सकते है तो मुझे ज़हर दे दीजिए।''
मामला भरतपुर कलेक्ट्रेट की जनसुनवाई का हैं, जब कलेक्टर आलोक रंजन के मौखिक आदेश पर पीड़िता युवती को गिरफ्तार कर लिया था। पीड़िता की जमीन पर कुछ दबंगों ने कब्जा कर लिया हैं, जिसकी शिकायत लेकर वह कलेक्टर आलोक रंजन से जनसुनवाई में आई थी। हालांकि, पुलिस ने उसे गिरफ्तार करने के बाद उसे कुछ समय बाद बाहर निकल दिया। भरतपुर के कलेक्टर आलोक रंजन का कहना है कि, जब तक दोनो पक्षों को सुना नही जाएगा। तब तक वह किसी भी फैसले तक नहीं पहुंच सकते हैं, क्योंकि मामला 2 पक्षों के ज़मीन बटवारे और मकान बना लेने का हैं।
पीड़ित लड़की ललितेश ने बताया कि, उसके गांव बरौली छार में में उसके पिता शिवचरण की ज़मीन हैं। शिवचरण दिमागी रूप से बीमार है,उसकी मां सुनीता अनपढ़ हैं और एक भाई है जो भीलवाड़ा में मजदूरी करता हैं। ललीतेश के पिता की ज़मीन गांव की रोड के किनारे है, जिस पर रामपाल और अर्जुन कोली नाम के 2 दबंगों ने कब्जा कर लिया थे, 3 साल पहले। ललीतेश ने बताया कि, वह हर जन सुनवाई में शिकायत कर चुकी, लेकिन उसकी शिकायत पर किसी भी प्रकार की कार्यवाही नहीं हो रही हैं।
पीड़िता ललितेश ने बताया कि, वह 5 दिसंबर को एक शादी में गई हुई थी और जब वह 13 दिसंबर को वापिस लौटी उसने देखा की उसकी ज़मीन पर मकान बना हुआ हैं। जब पीड़िता और उसके परिजनों ने मकान बनाने वालो को रोकने की कोशिश करी तो उसे गोली मरने की धमकी दी गई थी। पास के पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई और यह तक की वह पीड़िता कलेक्टर जनसुनवाई में भी अपनी पीड़ा लेकर कलेक्टर के सामने गिड़गिड़ाया लेकिन कलेक्टर ने भी कुछ नहीं किया। कलेक्टर आलोक रंजन ने कहा कि, दोनो पक्षों की बातें सुनने के बाद ही वह किसी फैसले पर आ सकेंगे।
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