राजस्थान

नेशनल हाईवे 27 पर मवेशियों का जमघट, हाइवे अधिकारी गंभीर नही

Admin Delhi 1
3 Dec 2022 12:42 PM GMT
नेशनल हाईवे 27 पर मवेशियों का जमघट, हाइवे अधिकारी गंभीर नही
x

राजपुर न्यूज़: क्षेत्र में ग्रामीण सड़क मार्ग और कोटा शिवपुरी नेशनल हाइवे 27 पर जिम्मेदारों की उदासीनता व लापरवाही के चलते आवारा गौवंशों का जमघट लगा रहता है। आलम यह है कि सर्दी के समय मवेशी बड़ी तादाद में हाइवे पर धूप में बैठ जाते है। इन मवेशियों को गौशालाओं में पहुंचाने की जहमत न तो ग्राम पंचायत उठा रहा है और न हाईवे अधिकारी और स्थानीय प्रशासन ने मवेशियों को हाइवे से हटाने में कोई रुचि है। नतीजा आए दिन आवारा मवेशी न सिर्फ वाहनों की चपेट में आकर हादसे का शिकार हो रहे हैं। वहीं कई दो पहिया वाहन चालक भी इनसे टकराने के चलते हादसे का शिकार होते नजर आ रहे हैं।

वाहन चालक राधेश्याम, इस्लाम खान, मंजू चौधरी ने बताया कि नेशनल हाईवे 27 पर वाहन चालकों से टोल प्लाजा कर्मचारी टोल वसूली के नाम पर पैसे तो ले लेते हैं लेकिन नेशनल हाईवे 27 पर मवेशियों का जमावड़ा दिन-रात लगा रहता है। इससे आए दिन नेशनल हाईवे 27 पर वाहन चालक दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। इस मामले को नेशनल हाईवे अधिकारी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं और ना ही नेशनल हाईवे की इन लापरवाहियों को स्थानीय प्रशासन गंभीरता से ले रहा है इसके चलते कोटा शिवपुरी नेशनल हाईवे 27 पर आए दिन वाहन चालक दुर्घटनाओ की चपेट में आ रहे हैं। इस मार्ग पर शाहाबाद उपखंड मुख्यालय से जिला मुख्यालय तक कई आला अफसर और सत्ता के ऊंचे ओहदे पर बैठे जनप्रतिनिधियों की आवाजाही का सिलसिला लगा रहता है। वह भी इस मामले को नजरअंदाज करते हुए मूकदर्शक बने रहते हैं। हाईवे पर वाहन चालकों के लिए रोड़ा बने यह आवारा जानवर परेशानी का सबब बने हुए हैं। वहीं वाहन चालकों का कहना है कि कई बार नेशनल हाईवे 27 पर मवेशियों से दुर्घटना होती है तो मवेशी दुर्घटना में अकाल मौत के शिकार हो जाते हैं तो ऐसे में पशुपालक वाहन चालकों से लड़ाई झगड़ा करने और मनमाना पैसा वसूलने पर तैयार हो जाते हैं। हाइवे अधिकारियों को और आला अफसरों को इस मामले को गंभीरता से लेना चाहिए ताकि नेशनल हाईवे 27 पर हो रही दुर्घटनाओं में गिरावट आ सके और वाहन चालक दुर्घटना का शिकार होने से बच सकें।

मिनटों का सफर घंटों में हो रहा तय: कोटा शिवपुरी नेशनल हाईवे 27 पर जगह-जगह मवेशियों का जमावड़ा वाहन चालकों की स्पीड को कम करता है। वही मिनटों का सफर घंटों में तय करना पड़ता है। इससे समय, धन और ईंधन की बबार्दी होती है साथ आदिवासी अंचल क्षेत्र में कस्बा थाना देवरी शाहाबाद केलवाड़ा समरानिया सहित जिला मुख्यालय तक ऐसे कई स्थानों पर हॉस्पिटल हैं जिनमें से इमरजेंसी केस जिला मुख्यालय यह संभाग मुख्यालय पर रेफर किए जाते हैं ऐसे में एंबुलेंस चालकों को हाईवे पर यह जानवर काफी मुसीबत का कारण बने रहते हैं। बीते वर्ष तो भवरगढ़ के पास एक गाय को बचाने के चक्कर में मरीज को ले जा रही एंबुलेंस ही दुर्घटना की शिकार हो गई। एंबुलेंस चालक मरीजों को समय पर हॉस्पिटल नहीं ले जा पाते हैं। ऐसे में उपचार के और इलाज के अभाव में मरीज की मौत तक हो जाती है।

सरकार को गौवंश के लिए खोलना चाहिए नंदीशालाएं: लोगों का कहना है कि शाहबाद आदिवासी अंचल क्षेत्र में नंदी गौशालाएं सरकार को खोलना चाहिए ताकि आवारा घूम रहे गौवंश को नंदी शालाओं में पहुंचाया जाए। जिससे गौवंश भी सुरक्षित रहे और हाइवे से गुजरने वाले वाहन चालक भी सुरक्षित तरीके से अपनी यात्रा कर सकें।

नेशनल हाईवे 27 पर मवेशियों का जमावड़ा दिन-रात लगा रहता है। जिससे आए दिन हादसे होते रहते है।

- रामकिशन, ग्रामीण, राजपुर।

मवेशी दुर्घटना में अकाल मौत के शिकार हो जाते हैं। सरकार और प्रशासन को गौशालाएं खोलनी चाहिए ताकि हादसों से बचा जा सके।

- सुरेश, ग्रामीण, राजपुर।

इस मामले को जिला कलक्टर तक पहुंचाएंगे और मामले को गंभीरता से लेते हुए चर्चा की जाएगी।

- राहुल मल्होत्रा, उपखंड अधिकारी, शाहाबाद।

Next Story