भरतपुर में आज भी मौजूद है श्री कृष्ण की चरणों के निशान, जानिए 84 कोसीय परिक्रमा का महत्व
फाइल फोटो
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजस्थान के भरतपुर जिले के कामां क्षेत्र में भगवान श्री कृष्ण की चरणों के निशान आज भी मौजूद हैं। इसलिए यहां की एक पहाड़ी को चरण पहाड़ी के नाम से जाना जाता है। बताया जाता है कि जब रासलीला के दौरान भगवान श्री कृष्णा गोपिकाओं से छुप गए तो एक जगह पर खड़े होकर बंसी बजाने लगे। उसी जगह पर पहाड़ी पर उनके चरणों के निशान पड़ गए। इसी स्थान को चरण पहाड़ी के नाम से जाना जाने लगा। ब्रज 84 कोस में डीग क्षेत्र में स्थित केदारनाथ धाम के महंत बाबा सुखदास के मुताबिक नंद बाबा और यशोदा माता को 80 वर्ष की उम्र में भगवान श्री कृष्ण के रूप में संतान का सुख मिला। जब भगवान श्री कृष्ण 3 वर्ष के हो गए तो उनकी लीलाएं शुरू हो गई. गोपाष्टमी के दिन भगवान श्री कृष्ण ने गाय चराना शुरू किया। एक दिन जब भगवान श्री कृष्ण गाय चरा कर घर लौटे तो मिट्टी से लथपथ उनकी मनमोहक छवि देख कर नंद बाबा और यशोदा माता ने चार धाम करने की इच्छा जाहिर की।