राजस्थान

राजस्थान का मशहूर किला जहां कभी नहीं हुआ युद्ध, अब वहां बनेगा अनोखा म्यूजियम

Ashwandewangan
28 Aug 2023 8:58 AM GMT
राजस्थान का मशहूर किला जहां कभी नहीं हुआ युद्ध, अब वहां बनेगा अनोखा म्यूजियम
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राजस्थान का मशहूर किला जहां कभी नहीं हुआ युद्ध
राजस्थान। अलवर के ऐतिहासिक बाला किला में तैयार हो रहे प्रदेश के पहले शस्त्र संग्रहालय में पर्यटक सितम्बर महीने में ऐतिहासिक शस्त्रों की खूबियां जान सकेंगे. शस्त्र संग्रहालय का कार्य इन दिनों तेजी पर है और इसके 15 सितम्बर तक पूरा होने की उम्मीद है. करीब 60 लाख रुपए लागत से तैयार किए जा रहे शस्त्र संग्रहालय में साढे पांच सौ से ज्यादा ऐतिहासिक ह​थियार रखे जाएंगे. इनमें तोप, बंदूक, पिस्टल, तलवार सहित कई अन्य तरह के छोटे बडे हथियारों का प्रदर्शन किया जाएगा. पर्यटक शस्त्र संग्रहालय में इन हथियारों की खूबियां जान सकेंगे. हथियारों को शस्त्र संग्रहालय में लकडियों के फ्रेम में रखा जाएगा, यूआइटी की ओर से शस्त्र संग्रहालय में लकडियों के शो केश बनाने का कार्य कराया जा रहा है. लकडी के इन शो केश में ग्लास व लाइटिंग का कार्य भी जल्दी पूरा कर लिया जाएगा. पूरी तरह तैयार होने के बाद इन शो केश में ऐतिहासिक हथियारों को रखा जाएगा. यह शस्त्र संग्रहालय प्रदेश में अलग तरह का होगा, जो कि देशी विदेशी पर्यटकों को लुभाएगा. इससे अलवर में पर्यटकों की संख्या में तेजी से बढोतरी होने की उम्मीद है. पर्यटकों के बढने से अलवरवासियों को रोजगार के अवसर मिलेंगे, वहीं सरकार को भी राजस्व मिलेगा.
ऐतिहासिक तोप होंगी आकर्षण का केन्द्र
बाला किला में तैयार हो रहे शस्त्र संग्रहालय में प्रवेश करते हीपर्यटक ऐतिहासिक तोप देख सकेंगे. बाला किला के प्रवेश द्वार पर ऐतिहासिक तोपों को प्रदर्शित किया जाएगा, इसके लिए तोप का रंग रोगन कर तैयार किया जा चुका है. शास्त्र म्यूजियम में 8 तोपों को प्रदर्शित किया जाएगा. साथी बंदूक, पिस्टल, तलवारों के लिए अलग से लकड़ियों के बॉक्स बनाए जा रहे हैं. यूआईटी के सचिव अशोक कुमार योगी ने बताया कि बाला किला पर बन रहे शास्त्र म्यूजियम की तैयारियां जोरों पर है. यह शस्त्र म्यूजियम करीब 60 लाख रुपए की लागत से तैयार किया जा रहा है. म्यूजियम तैयार होने के बाद यहां पर पर्यटकों की संख्या में बढ़ोतरी होगी. यह काम यूआईटी द्वारा कराया जा रहा है. जल्द ही यहां पर पर्यटक दुर्लभ हथियार देख सकेंगे.
रोजगार को मिलेगा बढ़ावा
प्रदेश के पहले शास्त्र म्यूजियम के शुरू होने से अलवर में रोजगार को भी पंख लगेंगे. इसमें होटल इंडस्ट्री को सबसे ज्यादा लाभ होने की संभावना है. पर्यटकों के आने से ऑटो रिक्शा, टैक्सी चलाने वाले लोगों को भी आय में बढ़ोतरी हो सकेगी. वही फुटकर व्यापारी व छोटे व्यापारी बाजार में दुकान लगाने वाले, चाय वाले लोगों की आय में भी बढ़ोतरी होगी. साथ ही रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे.
ऐतिहासिक है बाला किला
बाला किला जिसमें राजस्थान का पहला शास्त्र म्यूजियम शुरू होने जा रहा है. यह दुर्ग अपने आप में ऐतिहासिक दुर्ग है. इस दुर्ग को कुंवारा किला भी कहा जाता है. क्योंकि इस दुर्ग पर कोई आक्रमण नहीं हुआ. आमिर नरेश काकिल के द्वितीय पुत्र अलघुराय ने संवत 1108 (1049 ई.) मे पहाड़ी पर छोटी गाड़ी बनाकर किले का निर्माण प्रारंभ किया था. अलावल खान द्वारा 15वीं शताब्दी इस गढी की प्राचीर बनवाकर उसकी दुर्गा के रूप में पहचान दी गई. खानवा के युद्ध के पश्चात अप्रैल 1527 में मुगल बादशाह बाबर ने बाला किले में रात्रि विश्राम किया.
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प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।

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