राजस्थान

परिजनों ने क्रूरता की सभी हदें पार करते हुए मासूम बच्ची को कांटों में फेंका

Ritisha Jaiswal
14 Aug 2022 11:18 AM GMT
परिजनों ने क्रूरता की सभी हदें पार करते हुए मासूम बच्ची को कांटों में फेंका
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राजस्थान के चूरू जिले में एक बार फिर से मानवता को शर्मसार और दिल को दहला देने (Heart wrenching) वाला मामला सामने आया है

राजस्थान के चूरू जिले में एक बार फिर से मानवता को शर्मसार और दिल को दहला देने (Heart wrenching) वाला मामला सामने आया है. यहां 'बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ' के नारे के बीच फिर से एक मासूम बच्ची को कांटों में फेंक दिया (Newborn girl thrown into thorns) गया. बच्ची के परिजनों ने क्रूरता की सभी हदें पार करते हुये उसे बारिश के बीच कांटों में फेंका. गनीमत यह रही कि कुछ ग्रामीणों को मासूम के रोने की आवाज सुनाई पड़ गई और वे वहां पहुंच गये जिससे उसकी जान बच गई. नवजात को स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया है. वहां उसकी हालत गंभीर बनी हुई है. डॉक्टर्स उस पर नजर बनाये हुये हैं.

जानकारी के अनुसार शनिवार सुबह 7 बजकर 40 मिनट पर पुन्नूसर गांव में ओमप्रकाश जाट और राजूसिंह राजपूत अपने खेत जा रहे थे. इसी दौरान उनको कंटीली झाड़ियों की तरफ से किसी बच्चे के रोने की आवाज आई. वे वहां पहुंचे तो उनके पैरों तले से जमीन खिसक गई. कंटीली झाड़ियों में एक नवजात बच्ची लहूलुहान हालात में पड़ी थी और वह रो रही थी. उसके शरीर पर जगह-जगह कांटे चुभे हुये थे. इसके कारण उसके खून आ रहा था.
नवजात का पूरा शरीर मिट्टी से सना हुआ था
उन्होंने आसपास के लोगों को बुलाया. बाद में वे उस बच्ची को वहां से उठाकर सुरक्षित स्थान पर ले गये. वहां मासूम के शरीर पर चुभे कांटे निकाले ओर सरदारशहर पुलिस थाने को सूचना दी. ग्रामीणों ने बताया कि कि मासूम की स्थिति देखते हुए अंदाजा लगाया जा सकता था कि उसका जन्म शनिवार तड़के 3 से 4 बजे के बीच में हुआ है. उसका पूरा शरीर मिट्टी से सना हुआ था. कांटे चुभने से उसके शरीर पर घाव हो गए थे.
शनिवार रात को ही हुआ था बच्ची का जन्म
सूचना पर सरदारशहर पुलिस मौके पर पहुंची और घायल मासूम को स्थानीय अस्पताल पहुंचाया. वहां पर अस्पताल प्रभारी शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ चंद्रभान जांगिड़ ने मासूम का उपचार शुरू किया. अस्पताल में कार्यरत एएनएम विनोद कंवर, श्यामलाल जांगिड़ और डॉक्टर चंद्रभान ने बच्ची को नहलाया और बच्ची के शरीर को पूरी तरह से साफ किया. डॉ. चंद्रभान जांगिड़ बताया कि बच्ची का जन्म शनिवार शाम या रात को (पिछले 12 घंटे के अंदर) हुआ है. बच्ची खुले में रहने के कारण से बीमार हो गई. उसका एसएनसीयू वार्ड में उपचार जारी है. बच्ची की हालत अभी गंभीर बनी हुई है.
7 अप्रेल को मितासर गांव में भी ऐसा ही मामला सामने आया था
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बच्ची को जब झाड़ियों में फेंका गया उस दौरान बारिश भी हो रही थी. बारिश में भीगने के कारण की बच्ची की तबीयत बिगड़ गई. एसआई रामप्रताप गोदारा ने बताया कि ऐसा ही मामला 7 अप्रेल को मितासर गांव में भी सामने आया था. वहां पर एक नवजात जिंदा बच्ची कीचड़ में मिली थी. मामले में पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए बच्ची को कीचड़ में फेंकने वाले आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भिजवाया था. इस मामले में भी जल्द खुलासा कर दिया जाएगा कि बच्ची को झाड़ियों में किसने फेंका.


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