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जोधपुर। शहर के मथुरादास माथुर अस्पताल में अचानक कुछ लोग पहुंचे और टोना टोटका करने लगे। वहां खड़े लोगों ने उनसे पूछा तो उन्होंने कहा कि अस्पताल के ट्रोमा सेंटर के बाहर हम एक आत्मा का इंतजार कर रहे हैं। कुछ ही देर में एक परिजन अस्पताल के पुराने ट्रोमा सेंटर के अंदर से आता है और कहता है कि वह आत्मा को ले आया है। फिर दिया धूप होता है और नारियल चढ़ाया जाता है। फिर लोग वहां से चले जाते हैं।अब जरा एक बार फिर से इस पूरे घटनाक्रम को समझिए। दरअसल बांसवाड़ा के रहने वाले कुछ लोग मथुरादास माथुर अस्पताल पहुंचे और यहां टोना-टोटका किया। उन्होंने बताया कि उनके परिवार के एक बच्चे की मौत अस्पताल में इलाज के बीच हो गई थी और उस बच्चे की आत्मा ने बांसवाड़ा में परिजनों के शरीर में आकर उन्हें कहा कि उसे अपने घर लाया जाए। वह परेशान है... तब उसकी मुक्ति होगी। उसके बाद परिजन यहां पहुंच गए और टोना-टोटका किया और फिर कहने लगे कि आत्मा अब उनके पास आ गई है और यहां से चल दिए। इस बीच बड़ी संख्या में लोग तमाशबीन बनकर उन्हें देखते रहे। ऐसा नहीं है कि यहां से पुलिस की आवाजाही भी नहीं रहती, हर वक्त पुलिस और होमगार्ड के जवानों के पहरे में रहने वाले मथुरादास माथुर अस्पताल में उन्हें रोकने और ठोकने वाला कोई नहीं था।
अंधविश्वास की पराकाष्ठा आज भी जारी है। इससे पहले भी मथुरादास माथुर अस्पताल में इस तरह की घटना हुई है। पहले भी सुनने को मिला है कि कुछ लोग आत्मा लेने के लिए अस्पताल पहुंचे हैं और यहां टोना-टोटका किया है।
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