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कोटा। कोटा आरटीयू में पास करने की एवज में छात्रा से अस्मत मांगने के बहुचर्चित मामले में एसाेसिएट प्राेफेसर गिरीश परमार की सहयाेगी स्टूडेंट इशा यादव की जमानत अर्जी पर गुुरुवार काे बहस नहीं हाे सकी। उसके वकील ने साक्ष्य जुटाने काे लेकर अदालत से माेहलत चाही थी। अब अदालत ने बहस के लिए 31 दिसंबर की पेशी तय की है। इशा के वकील लक्ष्मणसिंह हाड़ा ने बताया कि बुधवार काे जमानत अर्जी पेश कर दी थी। इस पर गुरुवार काे सुनवाई हाेनी थी। अर्जी में कहा गया कि इशा काे दुर्भावना व रंजिशन झूठा फंसाया है। इशा ने छात्र-छात्राओं के हित में कार्य किया।
किसी प्रकार का छल नहीं किया है। गाैरतलब है कि पुलिस ने मामले में आराेपी एसाेसिएट प्राेफेसर परमार, बिचाैलिया छात्र अर्पित अग्रवाल एवं छात्रा इशा काे गिफ्तार किया था। तीनाें काे बुधवार काे अदालत ने 10 जनवरी तक जेल भेजने का आदेश दिया था। इशा निलंबित: आरोपी छात्रा इशा यादव काे गुरुवार यूनिवर्सिटी से निलंबित कर दिया गया। चीफ प्राेक्टर प्राे. बृजेश त्रिपाठी ने इसका आदेश जारी किया। इशा आरटीयू में इलेक्ट्राेनिक्स इंस्ट्रूमेंट एंड कंट्राेल इंजीनियरिंग ब्रांच की फाइनल ईयर की छात्रा थी। उसके खिलाफ दादाबाड़ी थाने में केस दर्ज हुआ था। बुधवार काे गिरफ्तारी के बाद काेर्ट ने उसे जेल भेज दिया था। प्राेफेसर परमार निलंबित है जबकि सहयाेगी स्टूडेंट अर्पित अग्रवाल बर्खास्त किया जा चुका है।
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