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उत्तर प्रदेश
पिटाई से ही हुई थी बंदी की मौत, जेलर व कई बंदी रक्षकों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज
Kajal Dubey
3 Aug 2022 2:37 PM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट; अमरउजाला
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अंबेडकरनगर जिला जेल में बंदी रामसागर की मौत बीमारी से नहीं हुई थी। उसकी धारदार हथियार से हत्या की गई थी। सिर पर गहरे घाव पाए गए हैं। सूत्रों के अनुसार पोस्टमार्टम में सिर के पीछे गहरा घाव मिला है, साथ ही चोट के निशान भी पाए गए। बंदी की पत्नी की तहरीर पर जेलर व कई बंदी रक्षकों के खिलाफ हत्या का केस दर्ज किया गया है।
जिला जेल में बंद बेवाना निवासी रामसागर की मौत को लेकर जेल प्रशासन घिर गया है। लूट और जानलेवा हमले के मामले में करीब 25 दिन से जेल में बंद रामसागर की सोमवार को मौत हो गई थी। जेल प्रशासन ने बताया था कि सुबह रामसागर को घबराहट व सीने में दर्द की शिकायत हुई थी। उसे जेल के अस्पताल में दिखाया गया। वहां से जिला अस्पताल रेफर करने पर वहां पहुंचने के बाद चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया।
जेल प्रशासन ने इस आशय का पत्र भी जारी किया। उसमें कहीं भी किसी और घटना का उल्लेख नहीं किया गया। हालांकि सिर्फ अमर उजाला ने यह तथ्य प्रकाशित किया कि जिला अस्पताल में बंदियों के गुटों के बीच मारपीट हुई थी। अब मंगलवार को यह खबर सूत्रों के हवाले से आई कि पोस्टमार्टम के दौरान रामसागर के सिर में चोट के गहरे निशान पाए गए हैं। जाहिर तौर पर मौत खून के रिसाव से हो गई। सोमवार देर शाम जिला अस्पताल का एक वीडियो भी वायरल हुआ था, जिसमें स्ट्रेचर पर पड़े मृत बंदी के सिर से खून का रिसाव हो रहा था।
इस बीच मृत बंदी की पत्नी विमला ने पुलिस अधिकारियों को तहरीर देकर कहा है कि जेल अधिकारियों ने उसके पति को पीट कर मार डाला। विमला ने दोषी जेल कर्मियों और अधिकारियों पर हत्या का केस दर्ज कराने की मांग की है। मंगलवार को पोस्टमार्टम हाउस पर मौजूद लोगों ने कहा कि रामसागर की हत्या की गई है।
बताया कि जब वे लोग पहुंचे तो सिर के पिछले हिस्से से खून निकल रहा था। आंख में भी चोट थी और दोनों पैर पर भी पिटाई के निशान मौजूद थे। इस बीच डीएम सैमुअल पॉल एन ने जेल में हुए घटनाक्रम के बाद जेल प्रशासन और कारागार के अंदर की व्यवस्था की भी जांच कराने का निर्णय लिया है।
वीडियोग्राफी के बीच पोस्टमार्टम
बंदी रामसागर के शव का पोस्टमार्टम मंगलवार को मेडिकल बोर्ड ने वीडियोग्राफी के बीच किया। इससे पहले पोस्टमार्टम सोमवार रात कराने की अनुमति जिलाधिकारी ने दे दी थी, लेकिन इसके बाद भी जरूरी कागजात न मिल पाने से पोस्टमार्टम हाउस तक पहुंचा तीन चिकित्सकों का दल देर रात लौट गया था। मंगलवार को तीन नए डॉक्टरों का पैनल गठित किया गया, इसके बाद शव का वीडियो निगरानी के बीच पोस्टमार्टम हुआ। पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी ढंग से संपन्न कराने के लिए डीएम ने एक मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी थी।
न्यायिक जांच का निर्णय
बंदी रामसागर जिला जेल में न्यायिक अभिरक्षा में था। ऐसे में उसकी मौत की सूचना न्यायिक अधिकारियों को सोमवार ही दे दी गई थी। बाद में जेल अधीक्षिका हर्षिता मिश्रा की तरफ से प्रकरण की न्यायिक जांच के लिए पत्र लिख दिया गया। उनकी तरफ से मंगलवार को बताया गया कि जनपद न्यायाधीश को पत्र भेजा गया था। न्यायिक जांच जल्द ही शुरू हो जाएगी।
भीम आर्मी प्रदेश सचिव नजरबंद
बंदी रामसागर की मौत के बाद परिजनों से मिलने जाने से रोकने के लिए पुलिस अधिकारी मंगलवार सुबह भीम आर्मी प्रदेश संगठन सचिव निखिल राव के शाहपुर फिरोजपुर गांव पहुंच गए। सीओ जलालपुर और कोतवाल जलालपुर ने घर में उन्हें नजरबंद कर दिया। बाद में निखिल ने सोशल मीडिया के माध्यम से कहा कि जेल में हत्या हुई है। केस दर्ज कर कड़ी करवाई की जाए।
विधायक ने जताई नाराजगी
सपा के अकबरपुर विधायक रामअचल राजभर ने जेल में बंदी रामसागर की हत्या का आरोप लगाते हुए जेल प्रशासन के रवैये पर नाराजगी जताई है। विधायक ने डीएम से दूरभाष पर बात कर कहा कि प्रकरण में अविलंब केस दर्ज कराया जाए और पीड़ित परिवार को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिलाई जाए। बाद में विधायक प्रतिनिधि बालमुकुंद धुरिया, राजेंद्र भारती व राम सागर आदि ने परिजनों से मुलाकात कर हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया।
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