
इटावा। इटावा क्षेत्र में प्रकृति का रौद्र रूप किसानों के लिए बर्बादी बनकर आया है। लगातार हो रही बारिश से क्षेत्र में किसानों की कटी व खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह से चौपट हो गयी हैं। जिससे किसानों की जिन फसलों पर अरमान व आस थी वह पूरी तरह टूट गयी है। रविवार को पीपल्दा विधायक रामनारायण मीना किसानों के बीच पहुंचे और खराब फसलों का जायजा लिया। किसानों ने विधायक मीना को अपनी खराब फसल बताते हुए कहा कि साहब राम तो रूठ ग्यो अब तो सरकार से ही आस है। क्योंकि इस बार जहां अधिक बारिश होने से उड़द की फसल पहले ही खराब हो गयी तथा जो कुछ आस सोयाबीन की इस फसल से थी वह भी क्षेत्र में तीन दिन से लगातार बारिश से खराब हो गयी। विधायक मीना ने किसानों को आश्वस्त किया कि किसानों के काफी नुकसान हुआ है। इसको लेकर मुख्यमंत्री कार्यालय को अवगत कराया है। कृषि विभाग के अधिकारी क्षेत्र में नुकसान का जायजा ले रहे है। किसानों के इस संकट में सभी जनप्रतिनिधियों को केंद्र व राज्य सरकार से जो भी मदद हो उसको दिलाने के प्रयास करे। इस संकट में किसानों के साथ खड़े है। पीपल्दा तहसीलदार रामकिशोर मीना, ब्लॉक खंड विकास अधिकारी गोपाल लाल मीना, हल्का पटवारी हर्मेंद्र मीना, जिला परिषद सदस्य लेखराज मीना, पूर्व मंडी अध्यक्ष जगदीश मेहरा, नगरपालिका पार्षद दिनेश मीना, भूपेंद्र मित्तल, कांशीराम बैरवा, युवा नेता नरोत्तम मीना, बंटी शर्मा, विनोद परालिया सहित कई जनप्रतिनिधि साथ रहे।
24 घण्टे में दो इंच से अधिक बारिश
इटावा क्षेत्र में तीसरे दिन भी बारिश का सितम रहा। पिछले 24 घण्टे में बारिश ने फिर रिकार्ड तोड़ा। आसोज में सावन की बारिश की झड़ी लगी रही। पीपल्दा क्षेत्र में पिछले 24 घण्टे में 65 एमएम बारिश रिकार्ड हुई है।
फसल बीमा किसानों के लिए बना मुसीबत
किसानों की फसलें पूरी तरह खराब हो गयी वही फसल बीमा के नाम पर बीमा कम्पनियों ने किसानों के ऋण खातों से प्रिमियम भी काट ली लेकिन अब फसल खराबे के लिए ट्रोल फ्री नम्बर पर घण्टों काल करने के बाद भी फोन नहीं लग रहा। किसानों से कई जानकारियां मांगी जा रही है। ऐसे में किसान अपनी शिकायत भी दर्ज नहीं करा पा रहे है। जबकि पूरे क्षेत्र में फसलों में नुकसान हुआ है तो बीमा कंपनियों को तहसील स्तर पर अपना सर्वे कर सकती है। जो प्रक्रिया अपनाई जा रही है, उसमें किसान शिकायत तक दर्ज नही करवा पा रहे है।
कटी सोयाबीन फसल हुई अंकुरित
इटावा क्षेत्र में रविवार को भी आसमानी आफत का दौर बना रहा। शनिवार के बाद रविवार को भी पानी सुबह से ही कभी तेज तो कभी रिमझिम पानी बरसने के चलते तीसरे दिन भी खेतों में पानी भरा रहा। जिसके चलते सोयाबीन की कटी फसलों में सोयाबीन के दाने अंकुरित हो गए। किसानों ने बताया कि लगातार बारिश से कटी व खड़ी दोनों फसलें खराब हो गई है। अब तो केवल खेतों की हकाई करनी पड़ेगी। किसान राधेश्याम, केसरीलाल, मोहनलाल, रामकुंवार ने बताया कि जो कुछ आस थी, वह पूरी तरह खत्म हो गयी है। अब तो साहुकारों के सामने हाथ फैलाने के अलावा कोई चारा नहीं है। किसानों ने बताया कि उड़द की फसल पहले हुई बारिश में और खेतों में इस समय कटी व खड़ी 80 प्रतिशत फसल खेतों में ही है जिसमें पूरी तरह नुकसान है।
इनका कहना है
सोयाबीन की बारिश से फसल खराबे को लेकर कृषि विभाग व पटवारियों के साथ नुकसान का सर्वे शुरू कर दिया है। जिन किसानों के फसलों में नुकसान हुआ है वह किसान ट्रोल फ्री नम्बर, फार्मा ऐप व ऑफलाइन अपने क्षेत्र के कृषि पर्यवेक्षक को फार्म पर पूरी जानकारी व कागज के साथ नुकसान की जानकारी दे सकते है।
क्षेत्र में बारिश से हुए फसलों में हुए नुकसान को लेकर सभी पटवार मंडल के हल्का पटवारियों को नुकसान का सर्वे करने के निर्देश तीन दिन में पूरा करने के दे दिए है। कृषि विभाग के अधिकारी भी फसलों में खराबे का जायजा ले रहे है।
