नाला निर्माण की कछुआ चाल से किसानों की धान की फसल पर संकट
गुड़ली: कस्बे क्षेत्र में बारिश कम होने की वजह से धान के किसानों के लिए काफी संघर्ष के बाद नहर में पानी छोड़ा गया लेकिन एक बड़ी समस्या और आकर खड़ी हो गई है। कापरेन ब्रांच में मेहराना गांव के पास में चल रहा नाला निर्माण के काम में देरी होने की वजह से अभी काम पूरा नहीं हुआ है और पानी पूरी तरह से आकर नाले के पास इकट्ठा हो गया है। जिससे सबसे बड़ी समस्या यह पैदा हो गई हैं यदि डिमांड के अनुसार पानी को आगे धान के खेतों के लिए छोड़ा जाए तो मेहराना गांव में जाने का रास्ता पूरी तरह से बंद हो जाएगा। जिससे वहां के एक हजार लोगों को परेशान होना पड़ सकता है। किसानों को तीरथ सीनता होकर 5 से 10 किलोमीटर का चक्कर लगा कर आना पड़ेगा जो बहुत बड़ी समस्या गांव के लिए सामने हैं।
पानी नहीं छोड़ने पर धान की फसल पर संकट
इधर,तीरथ,पटोलिया, कापरेन के समस्त गांवों के किसान पानी के लिए तरस रहे हैं। धान की फसल में पानी की बहुत आवश्यकता है क्योंकि अभी बरसात पूरी तरह नही हो रही है। यदि पानी नहीं छोड़ा तो इधर किसानों को बड़ा संकट का सामना करना पड़ सकता है इसलिए सीएडी विभाग संकट में फंस गया है। किस का कार्य पहले किया जाए प्रेम शंकर सुमन और मेहराणा गांव के ग्रामीणों कहना है कि नाला निर्माण का काम चल रहा है और पहले हमारे नाले का काम किया जाए नहीं तो हम बड़े संकट में पड़ सकते हैं। कापरेन से आगे नीचे के गांव में किसानों को पानी की बहुत ज्यादा जरूरत है। बहुत ही बड़े संघर्ष के बाद में नहर में पानी छोड़ा गया था लेकिन सीएडी विभाग की लापरवाही के कारण समय से नाले का निर्माण पूरा नहीं हुआ और मेहराना के पास में पानी जमा हो गया है अब जल्द से जल्द इसका समाधान किया जाए आगे पानी पहुंचाने की कोशिश की जाए।
- धनराज मीणा, अखिल भारतीय किसान सभा मीडिया प्रभारी
किसानों का कहना है कि हमें पानी की आवश्यकता है। जल्द से जल्द पानी छोड़ा जाए ताकि आगे टेल तक पानी पहुंच सके और नीचे की किसानों को धान बचाने में सहयोग मिल सके।
- दीनानाथ मीणा
हम पूरा प्रयास कर रहे है। बुधवार शाम तक पानी चालू कर देंगे। नाले का काम जल्दी-जल्दी कर रहे है। नाले के ऊपर एक साइड की छत आरसीसी डाली जाएगी तब उस साइड का पानी चालू कर दिया जाएगा। बाद में दूसरी साइड कर देंगे। जल्दी नाले का निर्माण कर दिया जाएगा। और रही बात गांव वालों की तो ंग्रामीणों के लिए दूसरा रास्ता सीनता गांव से होकर गुजरता है। वहां से आसानी से आ जा सकते है।
- विकास गोस्वामी, जेईएन सीएडी विभाग