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झालावाड़, झालावाड़ शहर के एनएच-52 और शहर के अन्य इलाकों में घूम रही गायों को अब गोशाला में छोड़ा जा रहा है. गोपुत्र सेना ने श्री कृष्ण गौशाला में 2 दिन में 350 गायों को शहर की गलियों से छोड़ा है. हाईवे समेत शहरों की सड़कों पर लावारिस पशुओं के कारण हादसों के बाद सेना यह काम कर रही है।
झालावाड़ शहर में एनएच-52 लावारिस पशुओं के कारण करीब आधा दर्जन जगहों पर हादसे हो चुके हैं. ऐसे में नगर परिषद क्षेत्र में हाईवे के अलावा बड़ी संख्या में लावारिस गायें मुख्य बाजारों में घूमती देखी जा सकती हैं. इसमें बाइक हादसों और मवेशियों की लड़ाई में घायल होने के मामले सामने आते रहते हैं. साथ ही आवागमन में भी दिक्कत होती है। ऐसे में नगर परिषद की ओर से गोपुत्र सेना के अधिकारियों से बात कर शहर की इन गायों को गौशाला में छोड़ने का आग्रह किया. इस पर गोपुत्र सेना द्वारा पिछले दो दिनों से यह काम शुरू किया गया था। गो पुत्र सेना के अध्यक्ष विनीत पोरवाल ने बताया कि रात के समय हाइवे पर कोटा रोड पर संजीवनी अस्पताल के सामने मामा के चौरया समेत शहर के अन्य इलाकों में गायों को पकड़कर गौशाला में छोड़ा जा रहा है. नगर परिषद आयुक्त अशोक शर्मा ने कहा कि शहर की सड़कों पर घूम रही गायों को गोशालाओं में छोड़ने का काम शुरू हो गया है. ऐसे में अब शहर में बेवजह घूम रही गायें नजर नहीं आएंगी। इस मामले में अध्यक्ष प्रदीप सिंह राजावत ने बताया कि शहर के लोगों ने कई बार गायों की समस्या से अवगत कराया था.
संभागायुक्त दीपक नंदी ने कोटा, बूंदी, बारां, झालावाड़ जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर हाईवे और मेगा हाईवे पर बैठे पशुओं को हटाने के लिए कहा है. उन्होंने हाईवे, मेगा हाईवे और अन्य सार्वजनिक सड़कों पर जानवरों के बैठने को गंभीरता से लिया है। आए दिन सड़क पर रात के समय जानवरों की नजर न आने के कारण हादसे होते रहते हैं। इस संबंध में एनएचएआई, संबंधित एजेंसियों और सड़क के आसपास के क्षेत्र की ग्राम पंचायतों को राजमार्गों और अन्य सार्वजनिक सड़कों पर जानवरों के बैठने पर प्रतिबंध लगाने के लिए कहा गया है.
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