कोटा: बुजुर्ग यात्री ने कोर्ट में रोडवेज निगम से चार साल जंग लड़ी। मामला 40 रुपए आैर बेवजह हुई परेशानी को लेकर था। रोडवेज को अब टिकट के लगे अतिरिक्त 40 रुपए मय ब्याज लौटाने होंगे। साथ ही शारीरिक व मानसिक संताप के लिए 10 हजार रुपए भी देने होंगे। बालाकुंड, केशवपुरा िनवासी पीएचईडी से रिटायर तकनीकी कर्मचारी कजोड़मल (63) ने 2019 में जिला उपभोक्ता आयोग में परिवाद पेश िकया था। इसमें कहा था कि 25 नवंबर 2019 में कजोड़मल कोर्ट के काम से जयपुर गए थे।
दोपहर में साथी नवलकिशोर के साथ कोटा लौट रहे थे। उन्होंने राजस्थान रोडवेज के अलवर डिपो की बस में जयपुर से कोटा के लिए 500 रुपए में दो टिकट लिए थे। बस बूंदी बस स्टैंड पर पहुंची, जहां कंडक्टर ने 20 मिनट का स्टॉपेज बताया। कंडक्टर से पूछकर कजोड़मल टॉयलेट करने गए। इस बीच 7 मिनट बाद ही बस रवाना हो गई। कजोड़मल दूसरी रोडवेज बस से कोटा आए। उसमें बूंदी से कोटा का किराया 40 रुपए दिया था। आयोग ने राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम जयपुर के मुख्य प्रबंधक व कोटा डिपो के प्रबंधक को टिकट के 40 रुपए मय ब्याज व क्षतिपूर्ति राशि भुगतान का आदेश दिया।
ओपीएस के लिए अनूठा प्रदर्शन
कोटा | कोटा विश्वविद्यालय ओल्ड पेंशन संयुक्त संघर्ष समिति की आेर से बुधवार को शिक्षकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार कर राज्य सरकार के कर्मचारियों के समान विश्वविद्यालय कार्मिकों के लिए भी बिना अंशदान जमा कर पुरानी पेंशन लागू करने के मांग की। विरोधस्वरूप शिक्षकों ने भीख मांगी। संयुक्त समिति के सह संयोजक हरीश नागर ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा आदेश जारी कर समस्त विश्वविद्यालय एवं स्वायत्तशाषी संस्थानों को निर्देशित किया है कि वे सीपीएफ, ईपीएफ, एनपीएस में जमा नियोक्ता का अंशदान निर्धारित समयावधि में ब्याज सहित राशि विश्वविद्यालय द्वारा संधारित पेंशन कोष में जमा कराने पर ही विश्वविद्यालय एवं स्वायतशाषी संस्थानों के कार्मिकों को ओपीएस का लाभ देय होगा।