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झालावाड़। अकलेरा कस्बे में उस समय मानवीय संवेदनहीनता का नजारा देखने को मिला जब शहर के मुख्य चौक पर करीब 4 घंटे तक एक व्यक्ति की लाश लावारिस पड़ी रही, लेकिन आसपास के दुकानदारों समेत वहां से गुजर रहे लोगों ने कोई हमदर्दी नहीं दिखाई. बाद में देर शाम कुछ लोगों की हैवानियत जागी और पुलिस व 108 एंबुलेंस को फोन कर शव को अकलेरा अस्पताल भिजवाया। बता दें, अकलेरा कस्बे का सबसे व्यस्त मोटर मार्केट सर्कल जहां से एनएच-52 भी गुजरता है। इस चौराहे के किनारे एक अनजान शख्स की लाश पड़ी है, दोपहर करीब 2 बजे से पड़ी इस लाश को हर कोई देख रहा था, लेकिन मानो उनकी मानवीय संवेदनाएं मर गई हों. किसी ने उसे जगाने या यह जानने की कोशिश नहीं की कि वह जिंदा है या मुर्दा। ऐसे में जान बची है तो अस्पताल क्यों नहीं ले जाते।
देखते ही देखते 4 घंटे बीत गए, तभी कहीं देर शाम कुछ लोगों के भीतर का जन जाग उठा और इसकी सूचना अकलेरा थाना व 108 एंबुलेंस को दी। पुलिस की मदद से 108 एंबुलेंस कर्मियों ने शव को उठाकर अकलेरा अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे भी मृत घोषित कर दिया। मृतक के पैंट की जेब से आधार कार्ड मिला, जिससे शव की शिनाख्त अकलेरा के गणेश विहार इलाके के रहने वाले अकलेरा निवासी ओमप्रकाश (30) के रूप में हुई. हालांकि शव के पास शराब की बोतल भी पड़ी थी, हो सकता है कि अधिक शराब पीने या किसी अन्य कारण से उसकी मौत हुई हो, लेकिन एक शहर के व्यस्ततम चौराहे पर घंटों लावारिस पड़ी लाश, सोच कर ही मानवता सहम जाती है कि वह जाती है।
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