राजस्थान

2018 में बाड़मेर में औसत बारिश 11 इंच, इस बार जून में 247 मिमी और जुलाई में 73 मिमी

mukeshwari
12 July 2023 2:29 AM GMT
2018 में बाड़मेर में औसत बारिश 11 इंच, इस बार जून में 247 मिमी और जुलाई में 73 मिमी
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साल दर साल अकाल का दंश झेलने वाले रेगिस्तान के सूखे धोरे अब सिमट रहे हैं। 2018 के बाद बाड़मेर में मौसम का ट्रेंड बदला है।
बाड़मेर। बाड़मेर साल दर साल अकाल का दंश झेलने वाले रेगिस्तान के सूखे धोरे अब सिमट रहे हैं। 2018 के बाद बाड़मेर में मौसम का ट्रेंड बदला है। इसी से बारिश भी बढ़ी है। अरब सागर व बंगाल की खाड़ी से मानसून मेहरबान है। 2018 से पहले बाड़मेर की औसत बारिश का आंकड़ा 270 एमएम था, जबकि अब यह आंकड़ा 324 एमएम तक पहुंच गया है। हर साल बारिश नए रिकॉर्ड बना रही है। जिले में इस बार ताे महज 20 दिनों में ही पूरे सीजन की बारिश का रिकॉर्ड तोड़ दिया। इससे चारों तरफ हरियाली छाई हुई है। बाड़मेर में बिपरजॉय तूफान से लेकर 30 जून तक 247 एमएम तक बारिश हुई, जो पिछले 25 साल के इतिहास में जून में हुई सर्वाधिक बारिश है। इसके बाद जुलाई के 10 दिनों में 73 एमएम बारिश हो चुकी है। ये कहे कि जून, जुलाई, अगस्त व सितंबर तक की बारिश का कोटा महज 20 दिनों में पूरा हो गया है।
एनालिसिस: 12 साल में कच्छ से सटे चौहटन में सबसे ज्यादा बारिश, गडरारोड में सबसे कम
बाड़मेर जिले में 19 तहसील है, लेकिन सबसे ज्यादा बारिश चौहटन में हो रही है। पिछले 12 सालों के आंकड़ों में चौहटन इलाके में बारिश का ट्रेंड बदला है। जिले में 2016 से पहले सर्वाधिक बारिश में सिवाना टॉप पर था, लेकिन इसके बाद सिवाना को पछाड़ अब चौहटन बारिश में नंबर वन है। 12 साल में चौहटन में अब तक 347 एमएम औसत बारिश है। जबकि गडरारोड में 205 एमएम ही है। अब तक चौहटन में 527 एमएम व गडरारोड में 106 एमएम बारिश हुई है। अरब सागर से ज्यादा सक्रिय रहता है मानसून रेगिस्तानी बाड़मेर में पिछले कई सालों से सबसे ज्यादा बारिश अरब सागर से होती है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण लगातार मौसम बदलता रहता है। हर साल में मानसून में करीब 5-6 दौर की बारिश होती है, जिसमें अधिकांश 80 फीसदी बारिश अरब सागर से होती है, जबकि 20 फीसदी बारिश बंगाल की खाड़ी के मानसून से भी हो रही है।
युवक ने किया रेयर ग्रुप ब्लड डोनेट
राजकीय चिकित्सालय में मंगलवार को बादल खान दर्श छापरी को भर्ती किया गया। डॉक्टरों ने मरीज की जांच के बाद ए निगेटिव ब्लड तुरंत व्यवस्था कराने को कहा। ब्लड बैंक में ए निगेटिव रेयर ग्रुप होने की वजह से स्टॉक नहीं मिला। इसके बाद परिजनों ने ह्यूमेनिटी रक्त एवं सेवा सोसाइटी संयोजक आवेश रजा हाले पोतरा से सम्पर्क किया तो उन्होंने रक्त सोसाइटी के सोशल मीडिया पर ब्लड जरूरत का मैसेज डाला। इस पर तुरंत नवाब खान मलिया ने ब्लड बैंक पहुंच ब्लड डोनेट कर मानवता का परिचय दिया।
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प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।

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