राजस्थान

गत वर्ष की अपेक्षा मानसून की मेहरबानी से डेढ़ गुना अधिक हुई धान की आवक

Admin Delhi 1
7 Dec 2022 1:47 PM GMT
गत वर्ष की अपेक्षा मानसून की मेहरबानी से डेढ़ गुना अधिक हुई धान की आवक
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बूंदी न्यूज़: जिले में मानसून में इस बार मानसून मेहरबान रहा। अच्छी बरसात का असर फसलों में साफ देखने को मिल रहा है। आंकड़ों पर नजर डाले तो गत तीन सालों की अपेक्षा में इस साल फसलों का उत्पादन भी बढ़ा है। धान की गत वर्ष की अपेक्षा अच्छी पैदावार हो रही है। साथ ही अन्य फ सलों पैदावार बढ़ रही है। धान की बंपर आवक हो रही है। और आने वाली सरसों, गेंहू की पैदावार भी अच्छी रहेगा। मंडी मे पिछले वर्ष से डेढ़ गुना अधिक धान की आवक का अनुमान है। इस साल अन्य वर्षों के मुकाबले बहुत अच्छी बारिश हुई है। वाटर लेवल अच्छा होने से मार्च, अप्रेल तक पर्याप्त पानी उपलब्ध है। अक्टूबर में बारिश होने के कारण इस बार बूंदी जिले में सरसों की थोड़ी बुवाई लेट हुई है। लेकिन गेहूं की बुवाई के लिए नमी पर्याप्त हैं, जिससे किसानों को पलेवा करने की आवश्यकता नही थी। जिन किसानों ने थोड़ा इंतजार करना मुनासीब समझा इनके लिए यह बारिश लाभदायक सिद्ध हुई। जहां पूरे मानसून हुई अच्छी बारिश और बाद में हुई बेमौसम बरसात के चलते वर्षा जल के परम्परागत स्त्रोत लबालब हो गए। कुएं, तालाब, नदी नाले सभी में पानी पर्याप्त में एकत्र हो गए। वहीं सभी प्रकार के छोटे बड़े बांध तालाब में हुइ पानी की आवक ने सभी के मन को आल्हादित कर दिया। इस बार औसत से कहीं ज्यादा हुई बरसात के चलते भूजल स्तर में पर्याप्त वृद्धि देखी गई जिससे आने वाले समय मे लंबे वक्त तक पानी की उपलब्धता रहेगी। इस बार पानी पर्याप्त मिलने से धान की पैदाबार में व्यापक वृÞद्धी देखने को मिली। पिछले साल के मुकाबले इस साल डेढ़ गुणा आने का अनुमान है। जिसमें से 50 फि सदी की आवक मंड़ी में हो चुकी है। बतौर कृषि अधिकारियों के पड़त खेतों में भी बुवाई होने से रकबें मे वृद्धि हुई है।

ये रहेगा फसलों का उत्पादन: मानसून की अच्छी बरसात से खरीफ की फ सल में अनाज 3 लाख 73 हजार 81.6 मैट्रिक टन, दलहन 51 हजार 675 मैट्रिक टन, तिलहन 88 हजार 559 मैट्रिक टन, अन्य खरीफ फसलें 37 हजार 652 मैट्रिक टन उत्पादन अनुमानित है। रबी की फसल में गेंहू 15 हजार 500 हेक्टेयर, दलहन 39 हजार हेक्टेयर, सरसों 72 हजार हेक्टेयर मिला कर कुल रबी की फसल का रकबा 2 लाख 83 हजार हेक्टेयर का अनुमान है।

बून्दी

विगत तीन वर्षों में जिले में हुई वर्षा

वर्ष वर्षा दर औसत वर्षा विगत 5 वर्षों की औसत दर

2020 3036 510.5 -

2021 6637 1106.2 750.54

2022 5979 996.5 971.78

(30 सित.तक)

कृषि उत्पादन विगत तीन वर्षों में (बुवाई)

2020 2021 2022 अग्रिम अनु.

अनाज खरीफ 110781 85961 109253

रबी 141325 141225 156000

दलहन खरीफ 91160 77933 54108

रबी 48167 46450 39000

तिलहन खरीफ 41299 51332 67592

रबी 37637 37637 73000

अन्य खरीफ 5444 12767 14443

रबी 14181 15895 15000

योग खरीफ 248684 227993 245396

रबी 241317 241207 283000

इस साल की बारिश का खेतों के साथ मंडी में भी देखने को मिल रहा है। अच्छी बारिश के चलते मंडी में धान की बंपर आवक हो रही है। वही आने वाले समय में सरसों, गेंहू, मक्का, चना की भी बंपर आवक होने की संभावना है। वर्तमान में 80.90 हजार बोरी धान की आवक मंडी में चल रही है, जो पिछले दिनों डेढ़ लाख बोरी थी।

- नाथूलाल लोकेश कुमार मंडी व्यवसायी

इस बार हुई अच्छी बरसात का असर फ सलों में देखने को मिलेगा। फ सलों पैदावार के साथ गुणवत्ता बढ़ेगी। मंडी में पिछले वर्ष से डेढ़ गुना धान की आवक का अनुमान है। वर्तमान में धान के 50 फ ीसदी की खरीद मंडी में हो चुकी है, जो अभी और बढ़ेगी। तीन लाख बोरी धान की आवक का अनुमान है।

-अमित बिरला, धान व्यापारी

बेमौसम हुई तेज बारिश से जहां सभी जल संसाधन लबालब हैं। उसके चलते आने वाली फसलों मे बंपर पैदावार देखने को मिलेंगी। गेंहू की फ सल में इस बारिश का फ ायदा सीधा सीधा दिखेगा। धान की पैदावार में तो अच्छा असर दिख ही गया हैं।

-कृष्ण नारायण शर्मा,अग्रणी कृषक. बडून्दा

बैमोसम बरसात होने से फ सलों में नुकसान तो हुआ है। लेकिन इससे फ ायदा भी है। अच्छी बरसात से रकबा बढ़ा भी है। लेकिन लेट बुवाई होने से क्षेत्र में फ सलों मे जोर कम दिखाई दे रहा हैं। वाटर लेवल अच्छा हैं, जो मार्च अप्रेल तक पर्याप्त है।

-प्रहलाद नागर, कृषक जैविक कृषि, भवानीपुरा

इस साल अन्य वर्षों के मुकाबले बहुत अच्छी बारिश हुई है। वाटर लेवल अच्छा होने से मार्च अप्रेल तक पर्याप्त पानी उपलब्ध है। अक्टूबर में बारिश होने के कारण इस बार बूंदी जिले में सरसों की थोड़ी बुवाई लेट हुई है। लेकिन गेहूं की बुवाई के लिए नमी पर्याप्त हैं, जिससे किसानों को पलेवा करने की आवश्यकता नही थी। एक पानी बचाने के लिए गेहूं की बुवाई जल्दी हो गई इसलिए यूरिया की समस्या बन थी। इस मांग के तहत माहवार यूरिया का वितरण होना है। जिसके तहत दिसंबर में 20 हजार मैटिक टन, जनवरी में 20 हजार मैटिक टन यूरिया का वितरण होना निर्धारित है। असिंचित क्षेत्र में थोड़ा बुवाई जल्दी होती हैं । इस सप्ताह में असिंचित क्षेत्र 75 प्रतिशत कंप्लीट हो जाएगा। सिंचित क्षेत्र में बुवाई शुरू हो गई हैं। गेहूं की बुवाई अभी चल रही हैं। 1.50 लाख हेक्टेयर में जिले में बुवाई होती हैं 70 हजार हेक्टयर में गेहूं की बुवाई अभी बाकी हैं । 65 हजार हेक्टयर में जिले में सरसो की बुवाई हुई हैं 42 हजार हेक्टयर में चने की बुवाई हैं। धान की अच्छी पैदावार होने ेसे बंपर आवक हो रही है। और वाली सरसों, गेंहू की पैदावार भी अच्छी रहेगा।

- रतन लाल मीणा,उपनिदेशक, कृषि विभाग बूंदी

वर्तमान में कीट प्रजातियों का प्रकोप फ सलों में देखा नहीं जा रहा है। चने की फ सल में लेकर संभावना है तो किसान फेरोमॉन ट्रेप का उपयोग कर सकते हैं, वही सरसों की फसल में मोयले की संभावना देखी जा सकती है। इसलिए बॉर्डर पर लगे देशी आंकड़े कटाई करने के साथ मेंथोल, फेरोमोन का उपयोग किया जा सकता है। सरसों मे गलने की शिकायत आ रही है, वहां से सिंचाई से कार्बनडाजीन वर्मी कंपोस्ट मिलाकर उपयोग कर सकते हैं। किसानों को सलाह की सरसों में 25 दिसंबर से 15 जनवरी तक सिंचाई करने से बचें, ताकि फ सल में सड़ने गलने की समस्या नहीं रहेगी। वहीं पर चनें सहित अन्य फ सलों में लट और कीट पतंगों से बचाव करने के लिए खेतों में डंडे (बर्डपर्च) गाढ़े जा सकते हैं, ताकि परभक्षी पक्षी खेतों में मौजूद रहे और कीट, पतंगों तथा लटों आदि को चट कर सकें। गेहूं,सरसों,चना आदि में मौत का फ ायदा भी देखने को मिलेगा।

- डॉ हरीश वर्मा, कार्यक्रम समन्वयक कृषि विज्ञान केंद्र बून्दी

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