पर्यटन विकास कोष की राशि अब 1500 करोड़, बनाए जाएंगे अन्तरराष्ट्रीय स्तर के कंनवेंशन व एग्जीबिशन
जयपुर: राज्य में पर्यटन सुविधाएं विकसित करने और इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर स्थानीय लोगों के लिए सृजित कर पर्यटन को उनकी आजीविका से जोड़ने एवं अधिकाधिक देशी-विदेशी पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए ब्राण्डिंग सहित अन्य कार्यों के लिए पर्यटन विकास कोष का गठन किया गया था। साथ हीं पिछले बजट में ऐतिहासिक निर्णय लेते हुए पर्यटन को उद्योग के रूप में पूर्ण मान्यता प्रदान की गई थी, जिसका पर्यटन इकाइयों, टूर आपरेटर्स व ट्रेवल एजेंट और पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी संस्थाओं व युवाओं ने स्वागत किया है। पर्यटन विकास कोष की राशि को एक हजार करोड़ से बढ़ाकर 1500 करोड़ रुपए की गई।
कॉन्फ्रेंस डेस्टिनेशन वेंडिंग के लिए जयपुर, उदयपुर, जोधपुर व अजमेर शहर में अन्तरराष्ट्रीय स्तर के कंनवेंशन व एग्जीबिशन के लिए एमआईसीई सेंटर बनाए जाएंगे। इन पर लगभग 100-100 करोड़ रुपए व्यय होंगे। राज्य में गोल्फ टूरिज्म की व्यापक संभावनाओं को देखते हुए माउंट आबू सिरोही, जोधपुर तथा उदयपुर सहित 5 प्रमुख पर्यटन स्थलों पर 125 करोड़ रुपए की लागत से अन्तरराष्ट्रीय स्तर के गोल्फ कोर्स विकसित किए जाएंगे। प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए लगभग 176 करोड़ रुपए की लागत से विभिन्न कार्य करवाए जाएंगे।
विरासत नगरी आमेर जयपुर को आईकोनिक डेस्टिनेशन के रूप में विकसित किया जाएगा। इसके तहत कार पार्किंग, ई-वाहनों का संचालन, म्यूजिकल फाउंटेन, रोप-वे, हेरिटेज वॉक-वे, कैम्पिंग साइट्स, रिसोर्टस आदि कार्य करवाए जाएंगे। तीर्थराज पुष्कर अजमेर और मेला क्षेत्र को अन्तरराष्ट्रीय कैंप सिटी के रूप में विकसित करने के लिए 10 करोड़ रुपए की लागत से डीपीआर बनाई जाएगी। शाकम्भरी लोहार्गल झुंझुनूं और रणकपुर परसराम महादेव-भीलबेरी-पाली को सम्मिलित करते हुए प्रत्येक संभाग में 2-2 नेचर वॉक ट्रेल्स डेजर्ट सफारी ट्रेल्स ट्रेकिंग रुड्स फूड ट्रेल्स को चिन्हित कर अनुभव आधारित पर्यटन को बढ़ावा दिया जाएगा।
वाटर बेस्ड पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नेवटा व कानोता बांध जयपुर, बंध बारेठा-भरतपुर, कायलाना व सूरपुरा बांध-जोधपुर, हेमावास बांध-पाली, कोट बांध (उदयपुरवाटी) झुंझुनूं आदि को इको एडवेंटर ट्युरिज्म साइट के रूप में विकसित किया जाएगा। खेतड़ी की प्राचीन विरासतों-मोती महल, अमर हॉल आदि एवं खेतड़ी हाउस जयपुर का जीर्णोद्धार करवाया जाएगा। साथ ही जोधपुर के हैरिटेज स्मारकों, मंदिरों एवं परकोटे आदि का सौन्दर्यीकरण किया जाएगा। खासा कोठी-जयपुर का पूर्ण पुनरूद्धार करते हुए 150 करोड़ रुपए की लागत से स्टार होटल- स्टेट गेस्ट हादउ के रूप में विकसित किया जाएगा।
पर्यटन विकास की दृष्टि से प्रदेश में पेनोरमा निर्माण और महत्वपूर्ण स्मारकों, मंदिरों के संरक्षण, जीर्णोद्धार कार्य सहित अन्य सुविधाएं 140 करोड़ रुपए से विकसित की जाएंगी। लक्ष्मीनाथ जी, राज रतन बिहारी मंदिर-बीकानेर, तेजाजी महाराज सुरसूरा-अजमेर, राधा माधव जी (जयपुर मंदिर), वृंदावन कुशलबिहारी जी बरसाना-भरतपुर, रामचन्द्र जी सिरहढ्योढ़ी बाजार बड़ी चौपड़ जयपुर, श्री डाढ़ देवी मंदिर कोटा, चारभुजा जी (सिंगोली श्याम) (माण्डलगढ़) भीलवाड़ा, मंगलेश्वरजी मातृकुण्डिया-चित्तौड़गढ़, गोगाजी (गोगामेड़ी)-हनुमानगढ़, बाबाजी राज (मांगरोल)-बारां रामदेवरा (रूणीजा)-जैसलमेर, जस नगर व थांवला के शिव मंदिर, तेजाजी महाराज खरनाल-नागौर, जलदेवी माताजी सांसेरा (नाथद्वारा)-राजसमंद एवं नीमच माताजी मंदिर-उदयपुर में भवनों के स्थापत्य के संरक्षण व जीर्णोद्वार के साथ अन्य सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। श्री देवधाम जोधपुरिया (निवाई)-टोंक एवं देवनारायण जन्म स्थली मालासेरी आसीन्द-भीलवाड़ा में विकास कार्य करवाए जाएंगे।
प्राचीन छतरियां भाद्राजून व तोपखाना-जालोर तालाबशाही-धौलपुर, गागरोन किला-झालावाड़ शाहबाद व नाहरगढ़ किला- बाराय किशोरीमहल-भरतपुर तथा मचाड़ी किला, रानी का कुआं, बराही माता मंदिर-अलवर में संरक्षण व जीर्णोद्धार कार्य किया जाएगा। चावंड-उदयपुर में महाराणा प्रताप का सेतरावा (शेरगढ़)-जोधपुर में देवराजजी का, देसुरी पाली में बिकाजी सोलंकी का शाहपुरा-भीलवाड़ा में रामस्नेही सम्प्रदाय के संतों का जालीपा-बाड़मेर में संत ईशरदास का बूंदी में बूंदा जी मीणा का, जयपुर में स्वतंत्रता सेनानियों का, डीग-भरतपुर में महाराजा सूरजमल का एवं मचाड़ी-अलवर में राजा हेमू का पेनोरमा बनाया जाएगा। साथ ही डीग-भरतपुर में संग्रहालय का निर्माण भी किया जाएगा।
अन्तरराष्ट्रीय स्तर के साहित्यकारों, लेखकों एवं साहित्य प्रेमियों द्वारा साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए राज्य में राजस्थान लिट्रेचर फेस्टिवल का होना प्रस्तावित है। इस फेस्टिवल में प्रदेश के साहित्यकारों को प्रोत्साहन देने की दृष्टि से कन्हैया लाल सेठिया, कोमल कोठारी, सीताराम लालस एवं विजयदान देथा इत्यादि के नाम से साहित्य पुरस्कार शुरु करने प्रस्तावित है। इसके लिए 25 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे।
राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर के फोटोग्राफरों, कलाकर्मियों, शिल्पियों, कलाकारों, बाल कलाकारों, रंगकर्मियों के लिए जयपुर में अन्तरराष्ट्रीय स्तर के जयपुर कला समागम का बिइनल इवेंट के रूप में आयोजन किया जाएगा।
प्रदेश में लोक कला को जीवित रखने और लोक कलाकारों को सम्बल देने के लिए 100 करोड़ रुपए राशि का लोक कलाकार कल्याण कोष बनाना प्रस्तावित है।
लोक कलाकारों को प्रति परिवार प्रति वर्ष 100 दिवस राजकीय उत्सवों, सरकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार एवं शिक्षण संस्थानों में प्रदर्शन के अवसर देने की घोषणा हुई।
लोक कलाकारों को पांच हजार रुपए राशि के उनकी कला से संबंधित यंत्र-उपकरण क्रय करने के लिए एकबारीय सहायता दी जाएगी।
प्रदेश के प्रसिद्ध लक्खी मेलों में सम्मिलित होने वाले यात्रियों को रोडवेज की साधारण एवं एक्सप्रेस बसों के किराए में छूट को 30 प्रतिशत से बढ़ाकर 50 प्रतिशत की गई।
प्रदेश में मेलों के महत्व को देखते हुए समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने की दृष्टि से मेला प्राधिकरण का गठन किया है। इसके सुदृढ़ीकरण के साथ-साथ विभिन्न मेला स्थलों पर सुरक्षा व सुविधा की दृष्टि से आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए 35 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे।