जयपुर: राजस्थान (Rajasthan) के अलवर (Alwar) के एक किसान के बेटे गौरव यादव (Gaurav Yadav) ने IIT का मुश्किल एंट्रेंस पास तो कर लिया था, लेकिन उनकी नजर किसी दूसरे ही लक्ष्य पर थी। Times of India के मुताबिक, उन्होंने अपने परिवार को ये बताया ही नहीं कि उन्होंने IIT का एंट्रेंस पास कर लिया है। इसके बजाय, नेशनल डिफेंस एकेडमी (NDA) की परीक्षा के माध्यम से प्राप्त करने के लिए काम किया।
NDA परीक्षा भारतीय सेना (Indian Army), नौसेना (Navy) और वायु सेना (Air Force) में शामिल होने के इच्छुक युवाओं के लिए एक गेटवे है। टेस्ट क्लियर करने के बाद इंटरव्यू और मेडिकल परीक्षा होती है। NDA में तीन साल की ट्रेनिंग होती है। गौरव यादव बुधवार को एनडीए की पासिंग आउट परेड में राष्ट्रपति का गोल्ड मेडल जीतकर स्टार बने थे। उन्होंने परेड की कमान भी संभाली। बकौल गौरव, ये एक ऐसा सम्मान है, जो उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि उन्हें मिलेगा। अपने सपने को पूरा करने के लिए इस नौजवान को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। उन्होंने दो बार NDA की परीक्षा पास की, लेकिन इंटरव्यू राउंड में सफल नहीं हुए। जब उन्होंने आखिरकार एकेडमी में प्रवेश किया, तो उन्हें मुश्किल ट्रेनिंग के दौरान दबाव झेलने के लिए भी संघर्ष करना पड़ा।
'मेंटल हेल्थ को लेकर थी चिंता'
गौरव भाई भी सेना में हैं। उन्होंने ने कहा कि वह (गौरव) अपनी मेंटल हेल्थ के बारे में चिंतित थे, लेकिन अब उन्हें अपने "असाधारण पराक्रम" पर गर्व है। विनीत यादव ने TOI को बताया, "यह उनके सैन्य करियर के लिए एक शानदार शुरुआत है।" गौरव यादव के माता-पिता बलवंत और कमलेश उन्हें NDA की परेड का नेतृत्व करते देख बहुत खुश हुए। उन्होंने कहा, "हम उसकी सफलता को लेकर आश्वस्त थे और उसे वह करने से कभी नहीं रोका जो उसे पसंद था।" यादव और दूसरे कैडेट अब एक और साल के प्री-कमीशनिंग ट्रेनिंग के लिए जाएंगे। NDA के 143वें कोर्स की पासिंग आउट परेड पुणे के खडकवासला के खेत्रपाल परेड ग्राउंड में हुई।
'जनता से रिश्ता; ने बताया कि निवर्तमान बैच के 300 कैडेटों में से 207 सेना के कैडेट, 54 वायु सेना और 39 नौसेना के थे।