जयपुर: गोविंदगढ़ समेत आस पास के गांवों में देव जलझूलनी एकादशी के अवसर पर मंगलवार को विभिन्न मंदिरों से ठाकुर जी नगर भ्रमण पर निकले। फूलों से सजी धजी डोली में ठाकुर जी को नई पोशाक पहनाकर विराजमान किया गया। इसके बाद जयकारों के बीच जुला डोली रवाना हुई।
हाडोता रघुनाथ मंदिर से रवाना होकर मुख्य मार्ग में एकत्रित हुई। मुख्य मार्गों से होते हुए तलाई में पहुंची। जहां भगवान को जल विहार करवाया गया। वहीं श्री सीताराम जी मंदिर देवी सिंह जी का बास इटावा भोपजी में ठाकुर जी को नौका विहार के लिए ले जाया गया।
भाद्रमाह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को परिवर्तिनी, पद्मा या जलझूलनी एकादशी कहा जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के वामन रूप कि पूजा की जाती है। इस व्रत को करने से व्यक्ति के सुख, सौभाग्य में वृद्धि होती है। एक मान्यता के अनुसार इस दिन माता यशोदा ने जलाशय पर जाकर श्री कृष्ण के वस्त्र धोए थे, इसी कारण इसे जलझूलनी एकादशी भी कहा जाता है।
इस अवसर पर शहर में जगह-जगह ठाकुर जी का स्वागत किया गया। श्रद्धालु झांकी के नीचे से निकलते रहे और दर्शन कर सुख समृद्धि की कामना की। झांकी में चोमूं में पूर्व विधायक भगवान सहाय सैनी कांग्रेस नेता कैलाश राज सैनी सहित कांग्रेस नेता हनुमान बराला गांव के गण मान्य लोग मौजूद रहे।