राजस्थान

चायनीज मांझे से किशोर का कटा गला, 12 टांके आए

Admin4
24 May 2023 8:13 AM GMT
चायनीज मांझे से किशोर का कटा गला, 12 टांके आए
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भरतपुर। भरतपुर प्रदेश में संभवतया पहली बार किसी पतंग उड़ाने वाले के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है। दरअसल पतंगबाज के चायनीज मांझे से किशोर का गला कट गया था। ऐसे में पीड़ित के दादा ने नामजद मुकदमा कराया है। पीड़ित के गले में 12 टांके आए थे। शहर में मांझे से गला कटने की पहली घटना है। उल्लेखनीय है कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी) ने देश में ऐसा मांझा प्रतिबंधित कर रखा है। चायनीज मांझे से बी-नारायण गेट निवासी 14 वर्षीय जतिन शर्मा का गला कट गया था। किशोर के दादा राकेश शर्मा ने पतंग उड़ाने वाले व्यक्ति पोली के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। जिसके अनुसार उनका पोता 12 मई की रात पौने आठ बजे चौदह महादेव गली की ओर जा रहा था। कैला बस्ती पर आरोपित पतंग उड़ा रहा था। सड़क पार करते समय उनके पोते का गला मांझे से कट गया। उसने अलग करने की कोशिश की लेकिन नहीं हुआ।
ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. अभय शर्मा के अनुसार गले पर लंबा कट था। खून की दो नसें कटने से काफी खून बह गया था। आधा घंटे चले ऑपरेशन में नसों को जोड़ छह टांके भीतर और बाहर 12 टांके लगाए गए। ऐसे मामलों में समय सबसे महत्वपूर्ण होता है। किशोर को मौके पर मौजूद निशांत और मनोज ने बिना समय गंवाए आरबीएम पहुंचा दिया। परिजनों ने बिना हल्ला किए चिकित्सकों को सहयोग किया और खून उपलब्ध कराया। जयपुरवासी फरमान अहमद के अनुसार एनजीटी ने पूरे देश में इस पर रोक लगा रखी है। इसके बाद निर्माताओं ने इसे मछली पकड़ने और बैग सिलने के धागे के नाम पर केन्द्र सरकार से अनुमति ले ली। बनाने वाले इसकी पैकिंग पर केवल “नॉट फोर काइट” लिख कर बेच रहे हैं।
आईपीसी की धारा 336 के तहत एफआईआर दर्ज की है। जिसके अनुसार दूसरे की जान और व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालने वाला काम करना अपराध है। इसमें आरोपित को तीन महीने की जेल और जुर्माने की सजा हो सकती है। 45 वर्ष से पतंग का व्यवसाय कर रहा हूं। शहर में मांझे से गला कटने या शरीर कटने की यह पहली घटना है। इससे पहले ऐसा कभी नहीं हुआ। ना ही पहले कभी पतंग उड़ाने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। जयपुर में दुर्घटनाएं होने पर मैंने ऐसा मांझा बेचना बंद कर दिया था। सस्ते के चक्कर में गलियों में बिक रहा है।
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