राजस्थान

किशोरी ने फांसी लगाकर की आत्महत्या

Admin4
3 Aug 2023 9:57 AM GMT
किशोरी ने फांसी लगाकर की आत्महत्या
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नागौर। नागौर लाडनूं नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड नंबर 32 में 17 वर्षीय किशोर द्वारा आत्महत्या करने का मामला सामने आया है। इस संबंध में परिजनों ने लाडनूं पुलिस को आत्महत्या की रिपोर्ट दी है. फिलहाल आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराया गया और शव परिजनों को सौंप दिया गया. जानकारी के अनुसार बुधवार शाम को आनन-फानन में परिजन 17 वर्षीय किशोरी को लाडनूं के सरकारी अस्पताल लेकर पहुंचे. जहां जांच के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलने पर लाडनूं थाने के हेड कांस्टेबल टोडाराम मय जाप्ते के साथ मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी ली. हैड कांस्टेबल टोडाराम ने बताया कि मृतक के दादा नंदलाल पुत्र मालचंद जागिड़ ने अपनी पोती मीनाक्षी (17) पुत्री प्रकाश जांगिड़ द्वारा आत्महत्या करने की रिपोर्ट पुलिस को दी है। प्रथम दृष्टया मृतक के घर में ही फंदे पर झूलने की बात सामने आ रही है। लाडनूं सरकारी अस्पताल के डॉ. राकेश मेहला ने पोस्टमार्टम किया। मृतक के गले पर निशान मिले हैं। फिलहाल आत्महत्या के कारणों का खुलासा नहीं हुआ है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है. पुलिस अब आगे की कार्रवाई कर रही है.
नाबालिग बालिका के अपहरण के एक प्रकरण में आरोपी को सात वर्ष का कठोर कारावास की सजा सुनाई है। मेड़ता सिटी न्यायालय संख्या एक के न्यायाधीश द्वारा पोक्सो एक्ट के प्रकरण में अडानी निवासी राकेश पुत्र रामकरण मेघवाल को 7 वर्ष का कठोर कारावास तथा 15 हजार अर्थदण्ड से दण्डित किया है। पोक्सो एक्ट में थानाधिकारी परबतसर ने अभियोजन अधिकारी सुमेरसिंह बेड़ा लोक अभियोजक विशिष्ठ पोक्सो कोर्ट संख्या-1 के सहयोग से प्रभावी पैरोकारी की। पुलिस के अनुसार 19 अगस्त 2020 को परिवादी ने रिपोर्ट देकर बताया था कि उसकी नाबालिग पुत्री को 18 अगस्त 2020 को दोपहर को आरोपी राकेश मेघवाल उसकी नाबालिग पुत्री को बहला-फुसलाकर अपहरण कर ले गया।
प्रकरण को पोक्सो एक्ट में दर्ज कर अनुसंधान प्रारम्भ किया। प्रकरण के अनुसंधान में कार्रवाई करते हुए 23 अगस्त 2020 को आरोपी राकेश को गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में भिजवाया गया। आरोपी के विरुद्ध चार्जशीट 19 नंवबर 2020 को न्यायालय में पेश की गई। प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए आरोपी को कठोर कारावास से दण्डित करवाने के लिए न्यायालय में लोक अभियोजक से सामंजस्य बनाकर न्यायालय में पैरोकारी की। जिससे समाज में इस प्रकार का दुष्कृत्य करने वालों को कठोर संदेश मिले।
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