राजस्थान

मांगे पूरी न होने से नाराज जलदाय विभाग के तकनीकी कर्मचारी

Gulabi Jagat
21 Sep 2022 12:20 PM GMT
मांगे पूरी न होने से नाराज जलदाय विभाग के तकनीकी कर्मचारी
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Source: aapkarajasthan.com

राजस्थान की इस वक्त की बड़ी खबर राजधानी जयपुर से सामने आई है। राजधानी जयपुर में सालों से मांगे पूरी न होने से नाराज जलदाय विभाग के तकनीकी कर्मचारियों ने आज प्रांतीय नल मजदूर यूनियन के बैनर तले राज्य सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। इस दौरान प्रदर्शन में शामिल हुए श्रमिकों ने राज्य सरकार के रवैए पर नाराजगी जाहिर की और साथ ही कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि दीपावली से पहले उनकी मांगों पर सरकार गौर नहीं करती है तो फिर वो आगे आंदोलन को मजबूर होंगे।
राजधानी जयपुर में प्रांतीय नल मजदूर यूनियन के बैनर तले आज प्रदेशभर के सैकड़ों कर्मचारी जल भवन के पास एकत्रित हुए है। इस दौरान अपनी लंबित मांगों को लेकर कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ आक्रोश जताया है। प्रदर्शन में शामिल हुए कर्मचारियों ने कहा कि सरकार की घोषणा के बाद भी प्रशासनिक अधिकारी उनकी मांगों के बीच रोड़ा बने हुए हैं। जिसके कारण उनकी मांगें पूरी नहीं हो पा रही हैं। इस संबंध में कई बार अधिकारियों से मुलाकात कर उन्हें मौजूदा समस्या से अवगत कराया गया है। बावजूद इसके हाल वही ढाक के तीन पात वाली बनी है। प्रांतीय नल मजदूर यूनियन इंटक राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष शमीम कुरैशी ने बताया कि जलदाय विभाग के तकनीकी कर्मचारी सालों से अपनी वाजिब मांगों से वंचित हैं। इन कर्मचारियों को नौकरी करते 35 से 40 साल हो चुके हैं, लेकिन अब तक उनकी मांगे पूरी नहीं हुई है। ऐसे कर्मचारी बेलदार के पद पर ही काम करने को मजबूर हैं। साथ ही बेलदार के पद से ही रिटायर हो रहे हैं।
उन्होंने बताया कि पिछले बजट में मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों को बहुत कुछ दिया था, लेकिन प्रशासनिक स्तर पर उनको रोक दिया गया है। इसके कारण कर्मचारियों में सरकार की छवि लगातार खराब हो रही है। उन्होंने आगे बताया कि 3600 ग्रेड पे सैलरी की घोषणा हो चुकी है, लेकिन तकनीकी कर्मचारियों तक उसका लाभ नहीं पहुंच पा रहा है। कर्मचारियों के प्रमोशन रूके हुए हैं। इसके अलावा लिवरेज राशि 1100 रुपए ही मिल रहे हैं। प्रदर्शन में शामिल हुए श्रमिकों ने राज्य सरकार के रवैए पर नाराजगी जाहिर की और साथ ही कर्मचारियों ने चेतावनी दी कि यदि दीपावली से पहले उनकी मांगों पर सरकार गौर नहीं करती है तो फिर आगे बड़े स्तर पर आंदोलन किया जाएगा।
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