विपक्षी : विपक्षी गठबंधन इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस (I.N.D.I.A) की अगली बैठक 31 अगस्त और एक सितंबर को मुंबई में प्रस्तावित है। इस बैठक में कई निर्णय संभावित हैं। मगर, सबसे महत्वपूर्ण सीटों का बंटवारा है, जिसके लिए अभी चार-पांच महीने की प्रतीक्षा करनी पड़ सकती है। इस निर्णय की चुनौतियों को इससे भी समझा जा सकता है कि जातिगत वोटों की बहुलता के आधार पर उत्तर प्रदेश के पश्चिम क्षेत्र की 12 सीटों पर राष्ट्रीय लोकदल (RLD) ने तो दावेदारी के लिए कमर कस ली है, लेकिन यहां की संसदीय सीटों पर कांग्रेस की हिस्सेदारी के अनुमान पर भी नेता मौन हैं। सपा और रालोद पहले मध्य प्रदेश व राजस्थान विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन व सीट बंटवारे में सहयोगी दलों के प्रति उसके रुख को भी देखना चाहते हैं। आगामी लोकसभा चुनाव में विपक्षी दलों ने एकजुट होकर भाजपा सरकार को हराने के लिए जिस रणनीति की ओर कदम बढ़ाया है, उसका सबसे प्रमुख पड़ाव 80 संसदीय सीटों वाला उत्तर प्रदेश ही है। यहां विपक्षी दलों की बात करें तो भले ही लोकसभा में अभी बसपा के नौ सदस्य हों, लेकिन भाजपा के प्रमुख प्रतिद्वंद्वी के रूप में समाजवादी पार्टी तीन सांसद और 111 विधायकों के आधार पर खुद को सबसे आगे रखती है। इसके अलावा रालोद मानता है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वह सबसे मजबूत है।