प्रोजेक्ट टाइगर को 50 साल पूरे होने पर टॉक शो, वन्य जीवों की रक्षा का दिया संदेश
जयपुर: भारत सरकार द्वारा 1 अप्रैल 1973 को बाघ संरक्षण के लिए गठित प्रोजेक्ट टाइगर को सुनहरे 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में शनिवार को जयपुर में सीतापुरा स्थित स्वास्थ्य कल्याण भवन में प्रोजक्ट टाईगर ग्लोरियस फिफ्टी ईयर- टॉक शो का आयोजन जयपुर टाइगर फेस्टिवल संस्था एवं स्वास्थ्य कल्याण ग्रुप द्वारा किया गया। टॉक शो में सेवानिवृत्त डीसीएफ दौलत सिंह शक्तावत ने मुख्य वक्ता के रूप में वन और वन्य जीवों की रक्षा का संदेश दिया। उन्होंने प्रोजेक्ट टाइगर के बारे में विस्तृत रूप से बताया कि इस परियोजना की जरूरत क्यों पड़ी एवं यह परियोजना बाघ संरक्षण में कितनी सार्थक साबित हुई । इसी परियोजना के कारण आज भारत में 53 टाइगर रिजर्व हैं एवं दुनिया में बाघों की संख्या सबसे ज्यादा भारत में है। शक्तावत ने बाघों के रहन सहन, आचरण, जंगल एवं पर्यावरण संरक्षण में उनकी महती भूमिका के बारे में भी उपस्थित जन समुदाय को बताया । सरिस्का टाईगर फाउण्डेशन के फाउंडर सेकेट्री दिनेश दुर्रानी ने कहा कि टाईगर को बचाने का मतलब पूरे पर्यावरण की रक्षा करना है।
इस अवसर पर स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड के सदस्य एवम संस्था के फाउण्डर संरक्षक धीरेन्द्र के गोधा ने भी अपने विचार प्रकट किए । उन्होंने कहा बाघ संरक्षण में राजस्थान का भी अहम योगदान रहा है। आज राजस्थान में बाघों की संख्या 100 के पार पहुंच गई है और यहां रणथंभोर , सरिस्का के साथ मुकुंदरा एवम रामगढ़ विषधारी जैसे टाइगर रिजर्व बनाए गए है । इन 4 बाघ परियोजनाओं के अलावा धौलपुर टाइगर रिजर्व 5वा टाइगर रिजर्व बनने जा रहा है। दौलत सिंह, दिनेश दुर्रानी एवम धीरेंद्र के गोधा ने श्रोताओं के सवाल एवं जिज्ञासा के जवाब दिए । यह कार्यक्रम बाघ संरक्षण के लिए आम जन को जागरूक करने के उद्देश्य से किया गया । स्वास्थ्य कल्याण ग्रुप की सी ई ओ श्रद्धा अग्रवाल ने स्वागत भाषण दिया । संस्था के अध्यक्ष संजय ख्वाड, सेकेट्री आशीष वैद और ट्रस्टी आनन्द अग्रवाल सहित स्वास्थ्य कल्याण कॉलेज की फेकल्टी और स्टूडेंट्स मौजूद थे।