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जयपुर | महिलाओं और पुरुषों में दिल का दौरा पड़ने के लक्षण अलग-अलग होते हैं। इन संकेतों का पता चलते ही तुरंत डॉक्टरों से संपर्क करके खतरे से बचा जा सकता है। इसकी पुष्टि संयुक्त राज्य अमेरिका के श्मिट हार्ट इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों द्वारा की गई जांच से हुई है। लैंसेट हेल्थ जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, 50 प्रतिशत लोगों में दिल का दौरा पड़ने से 24 घंटे पहले लक्षण दिखाई देते हैं।
डॉ. सुमीत चुघ के नेतृत्व में किए गए शोध में पाया गया कि जहां महिलाओं को दिल का दौरा पड़ने से पहले सांस लेने में तकलीफ होती है, वहीं पुरुषों को सीने में दर्द का अनुभव होता है। दोनों को घबराहट और फ्लू जैसे लक्षण महसूस होते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, अस्पताल के बाहर दिल का दौरा पड़ने वाले 90 फीसदी लोगों की मौत हो जाती है। विशेषज्ञों ने पाया कि कोरोना वायरस के बाद दिल से जुड़ी बीमारियां गंभीर हो गई हैं। खासकर महिलाओं में शारीरिक गतिविधियों की कमी, बदलते खान-पान और बढ़ते तनाव के कारण हृदय रोग बढ़ रहा है।
पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक खतरा होता है
शोध के अनुसार, पुरुषों की तुलना में महिलाओं में दिल का दौरा अधिक खतरनाक हो सकता है। समय पर इलाज न मिलने से खतरा और बढ़ जाता है। पहले दिल के दौरे के पांच साल के भीतर मृत्यु, दिल की विफलता या स्ट्रोक का जोखिम महिलाओं में 47 प्रतिशत था, जबकि पुरुषों में 36 प्रतिशत था। शोधकर्ताओं ने कहा कि दिल के दौरे की सटीक भविष्यवाणी करने के लिए और अधिक शोध की आवश्यकता है।
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Harrison
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