राजस्थान में आईपीएस अधिकारी हिम्मत अभिलाष टाक को बहाल कर दिया गया है। राज्य के कार्मिक विभाग ने बहाली के आदेश जारी कर दिए है। सिरोही जिले के एसपी रहते हुए शराब तस्करों से सांठगांठ के आरोप में सितंबर 2021 को उन्हें गहलतो सरकार ने निलंबित कर दिया था। सिरोही के तत्कालीन पुलिस अधीक्षक हिम्मत अभिलाष टाक पर जून माह में शराब माफिया से गठजोड़ में संलिप्त होने का आरोप लगा था। उसके बाद इन्हे सिरोही जिला पुलिस अधीक्षक से हटाकर किशनगढ़ स्थित पुलिस टेनिंग सेंटर, जिला अजमेर पर भेज दिया था।
पुलिस मुख्यालय की अनुशंषा पर हुए थे निलंबित
उल्लेखनीय है कि सितंबर 2021 में राज्य सरकार ने शराब तस्करों से मिलीभगत के आरोप में सिरोही एसपी पद से हटा दिया था। हिम्मत अभिलाष टांक की जालोर में तैनाती के दौरान की गई कारगुजारी सामने आई थी। मामले जांच पुलिस मुख्यालय ने की थी। जिसमें सामने आया कि हिम्मत अभिलाष की मादक पदार्थ तस्करों से 'मिलीभगत' थी। जांच में पाए गए निष्कर्ष के बाद मुख्यालय ने उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई के लिए सरकार को प्रस्ताव भेज दिया था इसके अलावा सिरोही में शराब तस्कीरों से मिलीभगत मामले में राज्य सरकार ने निलंबित कर दिया था
3 साल से ज्यादा का नहीं होता निलंबन
हिम्मत अभिलाष टाक सिरोही से पहले 6 जुलाई 2019 से 6 जुलाई 2020 तक जालोर एसपी रहे। यहां उनकी मादक पदार्थ से जुड़े मामलों में 'दिलचस्पी' रहती थी। कोई मामला पकड़ा जाने के बाद उसे अपने नजदीकी थानेदार को ही जांच दी जाती थी। पुलिस मुख्यालय की पड़ताल में सामने आया कि इन मामलों में तफ्तीश दूषित रही थी। इस आधार पर हिम्मत अभिलाष टाक के खिलाफ अखिल भारतीय सेवा अधिनियम की धारा 10 के तहत विभागीय कार्रवाई का प्रस्ताव सरकार को भेजा गया था। इसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया। करीब एक साल से ज्यादा समय के बाद हिम्मत अभिलाष टाक को सरकार ने बहाल कर दिया है। वैसे भी अखिल भारतीय सेवा के नियमों के अनुसार किसी भी आईएएस और आईपीएस अधिकारी को तीन साल से अधिक समय तक निलंबित नहीं किया जा सकता है।