राजस्थान

जयपुर के आमेर महल का हैरतअंगेज मामला: हाथी को पसंद नहीं आई सेल्फी, पर्यटक को सूंड से मारा

Bhumika Sahu
12 July 2022 6:26 AM GMT
जयपुर के आमेर महल का हैरतअंगेज मामला: हाथी को पसंद नहीं आई सेल्फी, पर्यटक को सूंड से मारा
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पर्यटक को सूंड से मारा

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जयपुर. हाथी सफारी के लिए देश दुनिया में फेमस जयपुर के आमेर महल के नजदीक आज सवेरे हादसा हो गया। आमेर महल की ओर आने के दौरान एक हाथी को इतना गुस्सा आया कि उसने दो लोगो पर हमला कर दिया। तुरंत महावत ने उसे काबू किया और उसके बाद उसे वापस बाड़े में ले गया। इसकी सूचना जब अन्य महावतों और आमेर प्रबंधन को मिली तो वे भी मौके पर पहुंचे। आगामी आदेशों तक हमला करने वाले हाथी को बैन कर दिया गया है। उसे फिलहाल अनफिट करार दे दिया गया है।

हमला करने वाली हथिनी का नाम मुस्कान, बिल्ला नंबर पचास
दरअसल, आमेर में हर सवेरे करीब दस बजे से हाथी सफारी शुरु होती है। इस सफारी का अनुभव लेने के लिए देश दुनियां से हर रोज हजारों पर्यटक आमेर पहुंचते हैं। आमेर में हाथी सफारी कराने वाले हाथियों के लिए आमेर महल से करीब पांच किलोमीटर की दूरी पर ही हाथी गांव भी बसाया गया है। इसी गांव में अधिकतर हाथी और महावतों का परिवार रहता है। इसी हाथी गांव से हाथी हर रोज महल आते हैं और फिर वहां से रात में वापस हाथी गांव चले जाते हैं।
मुस्कान को पसंद नहीं आई सेल्फी... मूड खराब हो गया
दरअसल. मंगलावार सुबह करीब 8 बजे बिल्ला नंबर पचास, मुस्कान नाम की हथिनी अपने महावत के साथ आमेर महल की ओर जा रही थी। इस दौरान आमेर थाने के सामने गांधी चौक के नजदीक सड़क किनारे खड़े पर्यटकों ने हथिनी के साथ सेल्फी लेने की कोशिश की। उनमें से पर्यटक और उसके करीब द स साल का बेटा हथिनी के सामने ही आ पहुंचे और सेल्फी लेने लगे। बीच सडक आने पर हथिनी में पर्यटक के लात मारी तो वह दूर जा गिरा। उसका दस साल का बेटे को भी सूंड से धक्का मारा और पैर से कुचलने की कोशिश की। यह सब बहुत ही जल्दी हुआ। महावत ने मुस्कान को जैसे तैसे काबू किया और उसे वापस हाथी गांव की ओर मोड़ दिया।
90 हाथी लगे हैं सफारी में, रोटेशन से आता है नंबर
गौरतलब है कि इस तरह की घटना करीब तीन से चार साल के बाद हुई है। आमेर महल में सफारी कराने के लिए नब्बे हाथी लगे हैं। इनमें से अधिकतर हथिनी हैं। हर रुट के लिए करीब चालीस से पैंतालीस मिनट का समय लगता है। सवेरे नौ बजे से हाथी सवारी के लिए हाथी आते हैं और दस बजे से सवारी शुरु होती है। शाम करीब पांच से छह बजे सफारी जारी रहती है।


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