जयपुर: राजस्थान चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव शुभ्रा सिंह गुरुवार दोपहर करीब एक बजे अचानक सवाई मानसिंह अस्पताल (एसएमएस हॉस्पिटल) पहुंच गईं। उन्होंने आपातकालीन इकाई, मेडिसिन वार्ड, बांगड़ कॉम्प्लेक्स और चरक भवन का दौरा किया और वहां चिकित्सा सुविधाओं का निरीक्षण किया। जहां कई असुविधाएं देखने को मिली हैं. उन्होंने आपातकालीन इकाई में डक्टिंग प्लांट बंद होने तथा अन्य स्थानों पर कूलर, पंखे व एसी खराब होने पर नाराजगी व्यक्त की है. उन्होंने सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डाॅ. दीपक माहेश्वरी एवं अधीक्षक डाॅ. सुशील भाटी को अस्पताल में अत्यावश्यक प्रकृति की सेवाओं के लिए तत्काल प्रभाव से आकस्मिक योजना बनाने तथा कूलर, पंखे, एसी, वाटर कूलर आदि को दो दिन के भीतर ठीक करवाने तथा अन्य व्यवस्थाएं सात दिन के भीतर ठीक कराने के निर्देश दिए।
अधिकारियों पर जवाबदेही तय होनी चाहिए: अपर मुख्य सचिव ने अस्पताल परिसर में मरीजों एवं उनके परिजनों के लिए पेयजल एवं बैठने की पर्याप्त व्यवस्था करने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि मरीजों के इलाज के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं किसी को भी नहीं मिल पा रही हैं. किसी भी स्तर पर लापरवाही होने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने विद्युत उपकरणों का समय पर रख-रखाव न होने पर संबंधित अधिकारियों की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिये। मीडिया से बातचीत में सिंह ने कहा कि राज्य सरकार सवाई मानसिंह अस्पताल में मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. अस्पताल में आने वाली असुविधाओं में आवश्यक सेवाओं को तत्काल प्रभाव से ठीक किया जाएगा, वहीं दीर्घकालिक प्रकृति के कार्यों को योजनाबद्ध तरीके से पूरा किया जाएगा।
सुधार हेतु नोडल अधिकारी नियुक्त: अतिरिक्त मुख्य सचिव ने चिकित्सा शिक्षा आयुक्त इकबाल खान को सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से संबद्ध एसएमएस अस्पताल सहित सभी अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्थाएं सुधारने के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही 28 मई 2024 तक नोडल अधिकारी के माध्यम से विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं.
लू प्रबंधन एवं मौसमी बीमारियों पर बैठक: अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में शुक्रवार को हीटवेव प्रबंधन पर उच्चस्तरीय बैठक होगी. इसमें मौसमी बीमारियों, गर्मी से होने वाली बीमारियों, अस्पतालों में पानी की व्यवस्था, बिजली व्यवस्था, कूलर-एसी, पंखे आदि समेत अन्य बिंदुओं पर विस्तृत समीक्षा होगी। वीसी के माध्यम से आयोजित बैठक में प्राचार्य, अधीक्षक, जोन के संयुक्त निदेशक, सीएमएचओ, पीएमओ, जिला बाल स्वास्थ्य और प्रजनन अधिकारी, उप मुख्य चिकित्सा अधिकारी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक, सभी संभागीय मुख्य चिकित्सा अधिकारी और संभागीय कार्यक्रम प्रबंधक भाग लेंगे।