राजस्थान

ड्रग्स तस्कर की सूचना पर सप्लायर गिरफ्तार

Admin4
4 April 2023 2:23 PM GMT
ड्रग्स तस्कर की सूचना पर सप्लायर गिरफ्तार
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भरतपुर। ड्रग्स तस्करी में हनुमानगढ़ की नोहर कोर्ट ने सप्लायर को 14 साल कारावास और एक लाख रुपए जुर्माने की सजा दी है। रोचक यह है जिस तस्कर की सूचना पर सप्लायर को पकड़ा गया था, वह पुलिस की तकनीकी खामी के चलते बरी हो गया। कैरियर को रावतसर थाने के सब इंस्पेक्टर ने 8,650 नशीली गोलियों के साथ गिरफ्तार किया था। कानूनन यह कार्रवाई करने की शक्तियां एसएचओ के पास ही हैं। नोहर की एडीजे कोर्ट एक के जज राजेन्द्र चौधरी ने पल्लू थाना क्षेत्र निवासी रविन्द्र को 14 साल कारावास और एक लाख जुर्माने की सजा सुनाई।
रावतसर थाना के एसआई राजेश आर्य ने अक्टूबर 19 में केसरदेसर खोडा रोड भवानी शंकर को गिरफ्तार किया था। विशेष लोक अभियोजक महेन्द्र जैन और अभियुक्तों की ओर से छोटूराम ने पैरवी की थी। एसएचओ अरुण चौधरी को आरोपित ने बताया कि उसने यह दवाएं रविन्द्र गोदारा से खरीदी हैं। इस पर एसएचओ ने रविन्द्र को गिरफ्तार किया। सीडीआर में सामने आया कि रविन्द्र और भवानी के बीच 18 दिनों में 16 बार बातचीत हुई थी। भवानी के पकड़े जाने के दिन भी दोनों के बीच बात हुई थी। ऐसे में कोर्ट रविन्द्र को नशीली दवा सप्लायर मानते हुए सजा सुनाई।
जिससे बरामद हुई उसे संदेह का लाभ : प्रदेश में ड्रग्स तस्करों की तलाशी, ड्रग्स की जब्ती और गिरफ्तारी का अधिकार एसएचओ को है। मामले में भवानी शंकर की तलाशी, दवाओं की जब्ती और गिरफ्तारी एसएचओ ने नहीं की थी। ऐसे में कोर्ट ने कानूनी प्रक्रिया का पालन नहीं होने के आधार पर आरोपित भवानी शंकर को संदेह का लाभ देते हुए रिहा कर दिया है। एसआई को कैरियर मिलने पर एसएचओ को बुला कार्रवाई करानी चाहिए थी। एनडीपीएस एक्ट में प्रक्रियाओं का पालन करना अत्यंत जरूरी है। तकनीकी खामी का लाभ आरोपित को मिलता है। ड्रग्स तस्करी के 90 फीसदी मामलों में जांच एजेंसी सप्लायर तक नहीं पहुंचती।
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