राजस्थान
सुखली नदी बनी डंपिंग यार्ड, कचरा डालने से हो रही प्रदूषित
Ashwandewangan
6 July 2023 3:07 PM GMT
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सुखली नदी बनी डंपिंग यार्ड
उदयपुर। केंद्र एवं राज्य सरकार द्वारा समय समय पर नदियों को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए उनके सौंदर्यीकरण के नाम पर अनेक योजनाएं चलाई जा रही है, वहीं दूसरी ओर धरियावद नगर का सारा कूड़ा करकट नगर के सलूंबर मार्ग स्थित सुखली नदी में डालकर नदी को गंदा प्रदूषित किया जा रहा। नगर पालिका क्षेत्र के सुखली नदी में इन दिनों कूड़ा कचरा गंदगी डालने से ये नदी कम होकर डंपिंग यार्ड की शक्ल ले चुकी है। बावजूद इसके नदी को प्रदूषित होने से रोकने के लिए अभी तक ना तो नगरपालिका के जिम्मेदारों और ही ना ही स्थानीय प्रशासन ने कोई प्रयास किए। नगरपालिका के विभिन्न प्रमुख चौराहे मोहल्ले, वार्डों से एकत्रित कचरे को विभिन्न संसाधनों द्वारा सुखली नदी में प्रतिदिन डाला जा रहा है, जिससे नदी मार्ग से गुजरने वाले एवं आसपास के रहवासियों को कूड़ा कचरे से उठती दुर्गंध से परेशानी हो रही है।
इस संबंध में धरियावद नगर पालिका अध्यक्ष केबी मीणा ने बताया कि धरियावद नगरपालिका के लिए जमीन आवंटन को लेकर जिला कलक्टर को पत्र लिखा है। साथ ही स्थानीय प्रशासन को भी कचरा निस्तारण केंद्र के लिए भूमि उपलब्ध करवाने को लेकर पूर्व में अवगत करवाया गया लेकिन अभी तक नगरपालिका को जमीन आवंटन नहीं हुई। प्रशासन नगर पालिका क्षेत्र या नजदीकी पंचायत में कचरा निस्तारण के लिए शीघ्र जमीन आवंटन कराएं ।
जमीन को लेकर लिखे थे पत्र : पंचायत समिति कार्यालय से जानकारी मिली कि धरियावद पंचायत समिति द्वारा समिति अधिनस्थ विभिन्न ग्राम पंचायतों में ठोस गीला कचरा निस्तारण को लेकर पंचायतों में कचरा निस्तारण केंद्र को लेकर संबंधित ग्राम पंचायतों के सरपंच सचिव को पत्र लिखे गए थे, जिनमे भूमि आवंटन को लेकर पूर्व में धरियावद पंचायत को भी पत्र लिखा गया था। इसके बाद 95 प्रतिशत से अधिक ग्राम पंचायत में जमीन आवंटन पक्रिया पूरी होकर कई जगह कचरा निस्तारण केंद्र निर्माण भी हो चुका है।
बारिश के दौरान नदी के तेज बहाव में बहकर जाता कचरा
धरियावद सलूंबर मार्ग स्थित सुखली नदी पर विगत लंबे समय से पूर्व ग्राम पंचायत एवं वर्तमान नगरपालिका का कूड़ा कचरा डालकर सुखली नदी को गंदा मेला एवं प्रदूषित करने का कार्य किया जा रहा है। उक्त समस्या विगत लंबे समय से चली आ रही है लेकिन मार्ग से गुजरने वाले जिम्मेदारों एवं जन प्रतिनिधियों का ध्यान अब तक इस ओर नहीं गया और ना ही अभी तक कोई ठोस कार्य योजना बनाई गई। हालाकि हर वर्ष मानसून के समय नदी में पानी के तेज बहाव के चलते नदी किनारे जमा कूड़ा करकट नदी के पानी के तेज बहाव में बहकर चला जाता है।
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प्रकाश सिंह पिछले 3 सालों से पत्रकारिता में हैं। साल 2019 में उन्होंने मीडिया जगत में कदम रखा। फिलहाल, प्रकाश जनता से रिश्ता वेब साइट में बतौर content writer काम कर रहे हैं। उन्होंने श्री राम स्वरूप मेमोरियल यूनिवर्सिटी लखनऊ से हिंदी पत्रकारिता में मास्टर्स किया है। प्रकाश खेल के अलावा राजनीति और मनोरंजन की खबर लिखते हैं।
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