राजस्थान

राजस्थान में एक ऐसी अजीबो गरीब शादी, जिसे जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान, सुहागरात के बाद दूल्हा-दुल्हन हो जाते हैं एक दूसरे से अलग

Ritisha Jaiswal
18 March 2022 4:32 PM GMT
राजस्थान में एक ऐसी अजीबो गरीब शादी, जिसे जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान, सुहागरात के बाद दूल्हा-दुल्हन हो जाते हैं एक दूसरे से अलग
x
आपने अनोखी शादियों के बारे में कई बार सुना होगा

आपने अनोखी शादियों (Unique Marriage in Rajasthan) के बारे में कई बार सुना होगा, लेकिन हम ऐसे विवाह के बारे में बताने जा रहे हैं जिसके बारे में जानकर आप हैरान रह जाएंगे. एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, होली (Holi 2022) पर राजस्थान (Rajasthan News) के पाली (Pali News Today) में एक ऐसी अजीबो गरीब शादी होती है जिसमें दूल्हा-दुल्हन सुहागरात के बाद एक दूसरे से अलग हो जाते हैं. हालांकि शादी में पूरे का पूरा गांव शामिल होता हैं और झूमकर नाचते हैं. शादी धूम-धाम से होती है. इतना ही नहीं बारात में गालियों पर लोग डांस करते हैं. महिला भी जमकर गालियां देती हैं. इतना ही नहीं समृद्धि और संतान प्राप्ति के लिए लोग दूल्हा दुल्हन के प्राइवेट पार्ट की पूजा करते हैं.

जानकारी के मुताबिक, यह अनोखी शादी पाली से करीब 25 किलोमीटर दूर एक कस्बे में होती है. इस गांव में मौजीराम जी और मौजनी देवी का प्राचीन मंदिर है. लोग इन्हें शिव और माता पार्वती का अवतार मानते हैं. मान्यता के मुताबिक, दोनों की धूमधाम से अनोखी शादी की जाती है. एक महीने पहले से गांव में शादियों की तैयारी शुरू हो जाती है. कार्ड बांट दिए जाते हैं. बुजुर्गों को पीले चावल दिए जाते हैं. जो गांव में नहीं है उन्हें डिटिजल निमंत्रण भेजा जाता है.
अनूठी मान्यता पर पूरा गांव करता है भरोसा
कहा जाता है कि इस शादी के पीछे लोगों की पूरी मान्यता है. इस समारोह में निसंतान दंपती शिव पार्वती के प्रतीक की पूजा करते हैं. लोगों का कहना है कि मौजीराम जी और मौजनी देवी की धूमधाम से शादी करने से गांव में सुख समृद्धि आती है. ग्रामीणों का कहना है कि इस शादी के जरिए लोगों को सेक्स एजुकेशन भी दिया जाता है. पहले बच्चों को सेक्स से जुड़ी जानकारियां देना काफी मुश्किल होता था. ऐसे में इस परंपरा के जरिए उन्हें काफी जानकारी मिल जाती थी.
एक महीने पहले से शुरू हो जाती है शादी की तैयारी
ग्रामीणों का कहना है कि मौजीराम और मौजनी की शादी की तैयारी एक महीने पहले से शुरू हो जाती है. जो लोग गांव के बाहर हैं उन्हें डिजिटल न्यौता भेजा जाता है. शादी की हर रस्म निभाई जाती है. दोनों की प्रतिमाओं का रंग, इत्र और मेहंदी से सजाया जाता है. लोगों का कहना है कि इस आयोजन से गांव से गांव जुड़ते हैं. समारोह के दिन पहले लोग मंदिर में जुटते हैं. प्रतिमा पर नारियल चढ़ाकर आरती और पूजा अर्चना की जाती है. गालियों के शोर के साथ बिंदौली निकाली जाती है. इतना ही नहीं लोगों को मौजीराम की कथा भी सुनाई जाती है.


Ritisha Jaiswal

Ritisha Jaiswal

    Next Story