राजस्थान

कॉर्नियल ब्लाइंडनेस के दो रोगियों की सफलतापूर्वक सर्जरी

Khushboo Dhruw
28 May 2022 6:01 PM GMT
कॉर्नियल ब्लाइंडनेस के दो रोगियों की सफलतापूर्वक सर्जरी
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AIIMS Jodhpur: एम्स जोधपुर (AIIMS Jodhpur) ने सफलतापूर्वक कॉर्नियल प्रत्यारोपण (Corneal Transplant) कर एक और उपलब्धि हासिल की है. प्रोफेसर एवं नेत्र विज्ञान विभागाध्यक्ष (Ophthalmology Department) डॉ. कविता भटनागर के नेतृत्व में कॉर्नियल ब्लाइंडनेस (Corneal Blindness) से पीड़ित दो रोगियों की सर्जरी (Surgery) सफलतापूर्वक की गई. कॉर्निया विशेषज्ञ डॉ. निखिल अग्रवाल ने विशेषज्ञों की टीम का कॉर्निया प्रत्यारोपण सर्जरी में मार्गदर्शन किया

दोनों रोगियों में से एक 21 साल का युवा है और दूसरे मरीज की उम्र 53 साल है. कॉर्निया प्रत्यारोपण के बाद दोनों मरीज एकदम स्वस्थ हैं. कॉर्निया प्रत्यारोपण सर्जरी करने में डेढ़ घंटे का समय लगा. ऑपरेशन के बाद पहले ही दिन मरीज स्वस्थ होकर अच्छा महसूस कर रहे हैं. प्रो. भटनागर ने बताया कि कॉर्नियल ट्रांसप्लांटेशन सर्जरी शुरू करने में कानूनी औपचारिकताएं प्रमुख बाधा थीं, लेकिन निदेशक प्रोफेसर संजीव मिश्रा के मार्गदर्शन से राजस्थान सरकार ने एम्स जोधपुर को कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सेंटर (Corneal Transplant Centre) के रूप में मान्यता दी है. भारत जैसे विकासशील देशों में कॉर्नियल ब्लाइंडनेस अंधेपन का एक प्रमुख कारण है. भारत दुनिया के लगभग एक चौथाई नेत्रहीनों का घर है.
हर साल 1 लाख कॉर्नियल प्रत्यारोपण की जरुरत
नवीनतम अनुमान बताते हैं कि 36 मिलियन नेत्रहीन और 62 मिलियन दृष्टिबाधित आबादी (Visually Impaired Population) में से लगभग 8 मिलियन भारत में रहते हैं. भारत के बारे में आंकलन किया गया है कि लगभग 6.8 मिलियन लोगों के कम से कम एक आंख में कम दृष्टि कॉर्नियल रोगों के कारण है. नेशनल प्रोग्राम फॉर कंट्रोल ऑफ ब्लाइंडनेस एंड विजन इम्पेयरमेंट के अनुमानों में दर्शाया गया है कि वर्तमान में देश में हर साल लगभग 25,000 से 30,000 कॉर्नियल ब्लाइंडनेस के मामले जुड़ते हैं. निरंतर बढ़ते मामलों से निपटने के लिए हर साल 1 लाख कॉर्नियल प्रत्यारोपण की आवश्यकता है. कॉर्नियल ट्रांसप्लांट को मरीज के रोगग्रस्त कॉर्निया को दाता के स्वस्थ कॉर्निया के साथ बदलने के रूप में परिभाषित किया जाता है
एम्स जोधपुर के खाते में जुड़ी एक और उपलब्धि
एम्स के डॉक्टरों का कहना है कि जोधपुर और आसपास के क्षेत्रों में लोग अक्सर गंभीर कॉर्नियल संक्रमण से पीड़ित होते हैं. आखिराकर उनको कॉर्नियल प्रत्यारोपण की आवश्यकता होती है. हालांकि, प्रत्यारोपण की सुविधा राजस्थान के कुछ चुनिंदा केंद्रों पर ही उपलब्ध है. विशिष्ट सुविधाओं से लैस निजी अस्पताल प्रत्यारोपण करने के लिए मनमाना शुल्क लेते हैं. वंचित वर्ग की सेवा करने के हमारे प्रयासों को तेज करने के उद्देश्य से एम्स जोधपुर न्यूनतम दरों पर कॉर्नियल ट्रांसप्लांट सुविधा प्रदान करने के लिए समर्पित है. इसके अलावा नेत्र विज्ञान विभाग ने राजस्थान आई बैंक के साथ करार कर जरूरतमंद और गरीब रोगियों के लिए कॉर्निया मुफ्त प्रदान करने का निर्णय लिया है


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